भीषण गर्मी और भारी बारिश के बाद अब कड़ाके की ठंड के लिए रहें तैयार, IMD की भविष्‍यवाणी ने बढ़ाई टेंशन

मौसम विभाग (IMD) ने इस बार कड़ाके की ठंड (Severe cold) पड़ने की चेतावनी दी है. इससे कुछ राज्‍यों में जबरदस्‍त ठंड की स्थिति देखने को मिल सकती है.

Advertisement
Read Time: 3 mins
नई दिल्‍ली :

देश में इस साल भीषण गर्मी पड़ी और अब जमकर बारिश का दौर जारी है. हालांकि अगर आप सर्दियों के सामान्‍य होने का इंतजार कर रहे हैं तो आप गलत हैं. कम से कम भारत मौसम विज्ञान विभाग (India Meteorological Department) का अनुमान तो यही कहता है. मौसम विभाग का अनुमान है कि भारत में इस बार असाधारण रूप से जमकर ठंड पड़ेगी. उन्‍होंने इस साल सितंबर में ला नीना की शुरुआत की ओर इशारा किया है, जिससे देशभर में तापमान में उल्लेखनीय गिरावट आने और बारिश में बढ़ोतरी का अनुमान जताया गया है. 

मौसम विभाग का अनुमान है कि ला नीना के कारण देश में भीषण सर्दी पड़ेगी. आमतौर पर ला नीना अप्रैल और जून के मध्‍य शुरू होता है. अक्टूबर से फरवरी के मध्‍य मजबूत होता है और नौ महीने से दो साल तक रह सकता है. यह तेज पूर्वी हवाओं द्वारा संचालित होता है जो समुद्र के पानी को पश्चिम की ओर धकेलता है, जिससे समुद्र की सतह ठंडी हो जाती है. यह अल नीनो के विपरीत है, जो गर्म स्थिति लाता है. 

इन राज्‍यों को झेलनी पड़ सकती है भीषण ठंड 

हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर जैसे पहाड़ी राज्यों में विशेष रूप से बेहद ठंडी स्थितियां देखी जा सकती हैं. यह संभावना जताई जा रही है कि यहां पर तापमान संभावित रूप से 3 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है.

Advertisement

साथ ही यह भी आशंका है कि ठंडा मौसम और अधिक बारिश कृषि को प्रभावित कर सकती है. इनमें खासतौर पर ऐसे इलाके शामिल हैं, जो सर्दियों की फसलों पर विशेष रूप से निर्भर करते हैं. 

Advertisement

इस बार आगे बढ़ गया है बारिश का सीजन 

ला नीना का प्रभाव महसूस किया जा रहा है. मानसून का सीजन आमतौर पर सितंबर में समाप्‍त हो जाता है, हालांकि इस साल यह आगे बढ़ रहा है. इसका संबंध समुद्र के ठंडा होने से है, जिसके कारण मौसम का सामान्‍य पैटर्न बाधित हुआ है और भारी वर्षा हुई है, खासतौर पर दक्षिणी और मध्य भारत में. 

Advertisement

मौसम विभाग ने लोगों से पर्याप्त हीटिंग, आवश्यक आपूर्ति के स्टॉक और मौसम की रिपोर्ट से अपडेट रहकर सर्दियों के लिए तैयार रहने के लिए कहा है. 

Advertisement

ला नीना का दुनिया पर पड़ता है प्रभाव, जानिए कैसे?

ला नीना के दौरान उष्णकटिबंधीय प्रशांत क्षेत्र में समुद्र की सतह का तापमान सामान्य से नीचे चला जाता है. इसके बाद पूर्वी हवाएं मजबूत हो जाती हैं, जिससे दक्षिण अमेरिका के भूमध्य रेखा पर अधिक ठंडा पानी जमा हो जाता है. वह ठंडक वायुमंडल को इस तरह से प्रभावित करती है जो पूरे ग्रह पर प्रतिध्वनित होती है. ला नीना के दौरान कुछ क्षेत्र तूफानी हो जाते हैं और अन्य शुष्क हो जाते हैं. ला नीना का स्‍पेनिश में अर्थ लड़की होता है. इसके ठंडे प्रभाव के कारण कई इलाकों में भीषण सर्दी सहित वैश्विक जलवायु पर भी प्रभाव पड़ता है. 

मौसम विभाग का यह अनुमान जलवायु परिवर्तन को लेकर चिंता बढ़ा देता है. यह जलवायु परिवर्तन को समझने और उसे लेकर महत्‍वपूर्ण कदम उठाने की याद दिलाता है. ला नीना का प्रभाव जिस तरह अधिक स्पष्ट हो रहा है, लोगों और समुदायों को अतिरिक्‍त सावधानी रखने की जरूरत है. 

Featured Video Of The Day
Modi सरकार ने आपके लिए क्या किया? Amit Shah ने दिया 100 दिन का हिसाब-किताब
Topics mentioned in this article