इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने आयुर्वेदिक डॉक्टरों को सर्जरी की अनुमति देने को लेकर बड़ा बयान दिया है. IMA ने इसे लेकर अपनी गंभीर चिंता भी जताई है. IMA का कहना है कि सर्जरी के लिए विशेष, लंबी और संरचित ट्रेनिंग जरूरी होती है, जो आधुनिक चिकित्सा एमबीबीएस व पोस्टग्रेजुएट में दी जाती है. सर्जरी सिर्फ तकनीक नहीं, बल्कि एनाटॉमी, एनेस्थीसिया, आपातकालीन देखभाल और ऑपरेशन बाद की क्रिटिकल केयर का गहरा ज्ञान मांगती है.
IMA के अनुसार बिना समान प्रशिक्षण वाले चिकित्सकों से सर्जरी कराने से मरीजों की सुरक्षा को खतरा हो सकता है.यह कदम स्वास्थ्य सेवाओं के मानकों को कमजोर कर सकता है और कानूनी व भरोसे की समस्याएं पैदा कर सकता है. IMA के अध्यक्ष डॉ. दिलीप भानुशाली ने सरकार से मांग की है. उन्होंने कहा कि मरीजों की सुरक्षा को देखते हुए नीति पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए.चिकित्सा की अलग-अलग पद्धतियों के बीच स्पष्ट सीमाएं बनाए रखी जाएं.
साथ ही उन्होंने कहा कि आधुनिक चिकित्सा में सीटें और प्रशिक्षण बढ़ाए जाएं, मानक कमजोर न किए जाएं. IMA ने दोहराया है कि मरीजों की सुरक्षा सर्वोपरि है और एथिकल, वैज्ञानिक चिकित्सा से कोई समझौता नहीं होना चाहिए.














