- IIT दिल्ली ने लिक्विड और पाउडर डिटर्जेंट बनाया है, इससे धुल सकते हैं कपड़े
- टेक्सटाइल एंड फाइबर इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर जावेद नबी बक्श शेख की टीम की रिसर्च
- आईआईटी दिल्ली ने इस रिसर्च का पटेंट भी फाइल किया है
दिल्ली-एनसीआर में अगर आप मच्छरों के आतंक से परेशान हैं तो ये आईआईटी दिल्ली का एक शोध आपको खुशखबरी देने वाली है. IIT दिल्ली के शोधकर्ताओं ने एक ऐसा समाधान खोजा है जो हर घर की रोजमर्रा की धुलाई को मच्छरों के खिलाफ हथियार बना सकता है. टेक्सटाइल एंड फाइबर इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर जावेद नबी बक्श शेख की टीम ने ‘स्मार्ट' मच्छर-रोधी डिटर्जेंट विकसित किया है. इस डिटर्जेंट को पाउडर और लिक्विड दोनों रूपों में विकसित किया गया है. दिल्ली-एनसीआर में डेंगू और मलेरिया के कारण हर साल लाखों लोग परेशान होते हैं कई लोगों की तो जान तक भी जाती है.
गेम चेंजर होगा डिटर्जेंट
अभी तक मच्छरों से बचाव के लिए क्रीम, स्प्रे, कॉइल, रोल-ऑन और पैच जैसे विकल्प ही थे, लेकिन इनका असर कुछ घंटों में कम हो जाता है. वहीं IIT दिल्ली का यह नया डिटर्जेंट गेम-चेंजर बन सकता है.
ऐसे काम करता है डिटर्जेंट
प्रो. शेख का कहना है कि टॉपिकल क्रीम और लोशन समय के साथ अपना असर खो देते हैं, जिससे मच्छर काटने का जोखिम बढ़ जाता है. इस डिटर्जेंट की खासियत यह है कि यह हर धुलाई के दौरान कपड़े के रेशों से चिपककर एक ऐसा ‘प्रोटेक्शन लेयर' बना देता है, जिसे मच्छर पसंद नहीं करते. यह उनके गंध और स्वाद दोनों सेंसर को प्रभावित करता है. यानी मच्छर कपड़ों पर उतरने से ही कतराते हैं.
भाग गए मच्छर
इस तकनीक को एक कमर्शियल लैब में ‘हैंड-इन-केज' टेस्ट से परखा गया जहां भूखे मच्छरों से भरे बॉक्स में कपड़े पहनकर हाथ डाला गया. परिणाम साफ थे- इस डिटर्जेंट से धुले कपड़ों पर मच्छरों की लैंडिंग में बड़ी कमी दर्ज हुई.
सबसे मजबूत बात यह है कि कपड़े हर बार धोने पर इसकी मच्छर-रोधी क्षमता फिर से सक्रिय हो जाती है. कोई क्रीम लगाने की जरूरत नहीं, कोई स्प्रे नहीं-सिर्फ रोजमर्रा की धुलाई से ही सुरक्षा मिलती रहती है. IIT दिल्ली ने इस तकनीक का पेटेंट भी फाइल कर दिया है, जिससे इसके बड़े पैमाने पर उपयोग की उम्मीद बढ़ गई है. डेंगू-मलेरिया जैसी बीमारियों से जूझ रहे शहरों में, जहां एक छोटे से मच्छर के काटने के गंभीर असर हो सकते हैं, यह डिटर्जेंट लोगों को आसान, भरोसेमंद और लगातार सुरक्षा दे सकता है.














