महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने मंगलवार को लोगों से अनुरोध किया अगर बुधवार को कहीं भी लाउडस्पीकर पर जोर से अजान सुनें तो लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा लगाएं. ठाकरे ने एक खुले पत्र में लोगों से कहा कि अगर वे ‘अजान' की आवाज से परेशान हों तो 100 नंबर डायल करके पुलिस में शिकायत करें. मनसे नेता ने कहा, ‘‘रोज शिकायत होनी चाहिए.''
उन्होंने कहा, ‘‘मैं सभी हिंदुओं से अपील करता हूं कि कल, यानी 4 मई को जहां-जहां लाउडस्पीकर पर अजान दी जाती है, वहां आप लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा लगाएं और लाउडस्पीकर से क्या तकलीफ होती है यह उन्हें भी समझने दें.''
राज ठाकरे ने कहा कि सभी स्थानीय मंडलों और सतर्क नागरिकों को मस्जिदों पर लाउडस्पीकर के मुद्दे पर हस्ताक्षर अभियान चलाना चाहिए और अपने इलाके के पुलिस थाने में इसे जमा करना चाहिए. ठाकरे ने इससे पहले राज्य सरकार को तीन मई तक मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने का अल्टीमेटम दिया था.
एक अधिकारी ने कहा कि इससे पहले दिन में औरंगाबाद पुलिस ने मनसे प्रमुख के खिलाफ एक मामला दर्ज किया, जिन्होंने मध्य महाराष्ट्र शहर में एक रैली को संबोधित करते हुए 4 मई से मस्जिदों के ऊपर लाउडस्पीकर ‘‘बंद'' करने का आह्वान किया था.
पत्र में, राज ठाकरे ने शिवसेना के नेतृत्व वाली राज्य की महाविकास आघाडी (MVA) सरकार पर भी हमला करते हुए कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन इस मुद्दे पर ‘‘कमजोर है.''
शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे का उल्लेख करते हुए, मनसे अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का ध्यान दिवंगत नेता के इस बयान की ओर आकर्षित किया कि - ‘‘सभी लाउडस्पीकर को चुप कराने की आवश्यकता है.''
उन्होंने कहा, ‘‘क्या आप इसे सुनेंगे या आप गैर-धार्मिक शरद पवार का अनुसरण करेंगे? महाराष्ट्र के लोगों को यह देखने दें कि क्या होने जा रहा है. हमारे देश में इतनी जेल नहीं है कि हमारे देश के हिंदुओं को गिरफ्तार किया जाए. इस तथ्य को सभी सरकारों को स्वीकार करना चाहिए.'' शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा (NCP) एमवीए सरकार का एक प्रमुख घटक दल है.
मनसे प्रमुख ने दावा किया कि लाउडस्पीकर के साथ ही कई मस्जिदें भी ‘‘अनधिकृत'' हैं. उन्होंने कहा, ‘‘यह कैसे संभव है कि सरकार ने अनधिकृत मस्जिदों को लाउडस्पीकर का उपयोग करने की अनुमति दी हो? और अगर अनुमति दी जा रही है, तो हिंदू मंदिरों को लाउडस्पीकर बजाने की अनुमति दी जानी चाहिए.''
लाउडस्पीकर के मुद्दे को धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक बताते हुए राज ठाकरे ने कहा कि हर धर्म के लोग ध्वनि प्रदूषण से प्रभावित हैं. उन्होंने कहा, ‘‘कौन सा धर्म उपासना करने के लिए यातायात जाम करने के वास्ते सड़क के बीच इकट्ठा होने और बैठने के लिए कहता है? मुस्लिम समुदाय के लिए मेरे बयानों का मुख्य कारण यह है कि यह जनता को प्रभावित करने वाला एक सामाजिक मुद्दा है. कृपया इसका संज्ञान लें.''
राज ठाकरे ने चेतावनी देते हुए कहा, ‘‘अगर इस सामाजिक मुद्दे को धार्मिक बनाने के लिए कदम उठाए गए तो हम भी इसका मुंहतोड़ जवाब दे सकते हैं.''
उन्होंने कहा कि 'अनधिकृत' मस्जिद, लाउडस्पीकर और सड़कों पर नमाज अदा किए जाने जैसे मुद्दों का कानूनन हल करने की आवश्यकता है. उन्होंने दावा किया, ‘‘स्कूलों और अस्पतालों के आसपास होने के कारण हिंदू त्योहार प्रतिबंधित हैं. हालांकि, मस्जिदों को इस तरह के प्रतिबंधों से छूट दी गई है.''