एक तरफ जहां कांग्रेस (Congress) के दिग्गज नेता जितिन प्रसाद के भाजपा में शामिल (Jitin Prasad Joins BJP) होने के बाद से सियासी हंगामा मचा हुआ है तो दूसरी ओर प्रतिक्रियाओं का दौर भी जारी है. जितिन प्रसाद के कांग्रेस छोड़ने पर कपिल सिब्बल ने एनडीटीवी से बातचीत की है. जितिन प्रसाद के भाजपा में शामिल होने पर कपिल सिब्बल ने कहा कि किसी नेता को लगता है कि पार्टी में सुनवाई नहीं हो रही या कुछ और दिक्कतें हैं तो पार्टी छोड़ना एक व्यक्ति का अधिकार है. उन्होंने कहा कि किसलिए छोड़ी, ये जितिन प्रसाद जी जानते हैं. सवाल ये है कि जिस पार्टी के साथ आप 30 साल से जुड़े हए हैं. जिस पार्टी के ख़िलाफ़ आप बंगाल में रोज़ बयानबाज़ी करते थे, अचानक उसी पार्टी में आप शामिल हो गए.
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कपिल सिब्बल ने आगे कहा कि मैं 1991 से कांग्रेस में हूं. आज कांग्रेस छोड़कर ऐसे दल में चला जाऊं जिसके ख़िलाफ़ रोज़ बोलता हूं तो खुद को क्या जवाब दूंगा. उन्होंने कहा कि ये सिर्फ़ जितिन प्रसाद की बात नहीं है. बंगाल में भी यही हो रहा है. टीएमसी से कई बीजेपी में गए, अब वे वापस आ रहे हैं. ये नीति की बात नहीं, निजी स्वार्थ की बात है. सिब्बल ने मध्य प्रदेश का उदाहरण देते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में भी यही हुआहमारे विधायक बीजेपी में गए, क्यों गए ये सब जानते हैं. जितिन प्रसाद जी मेरे साथ मंत्री थे. वो सीडबल्यूसी के सदस्य भी थे. मुझे तो सीडबल्यूसी का सदस्य भी नहीं बनाया गया. फिर वे प्रभारी भी बने उन्हें कई ज़िम्मेदारियां भी दी गईं.
कपिल सिब्बल ने कहा कि उन्होंने हमारे साथ चिट्ठी पर साइन किए फिर उन्होंने कहा कि गलतफ़हमी है. उन्होंने कहा कि राहुल जी-सोनिया जी हमारे लीडर हैं. कांग्रेस में रिफार्म की ज़रूरत है. कल भी थी, आज भी है और आगे भी रहेगी. उन्होंने कहा कि पार्टी में सुधार लाना ज़रूरी लोगों के सपने फिर कैसे पूरे होंगे. मैं तो पार्टी के साथ हूं. कुछ लोग छोड़कर जा रहे हैं, पार्टी को सोचना होगा पार्टी बातें नहीं सुनेगी तो गिरावट आएगी. सीडबल्यूसी में न होना कोई मुद्दा नहीं है. मैंने कभी कुछ नहीं मांगा. मुद्दा राजनीति में गिरावट का है. प्रसाद की राजनीति नियम बन गई है.
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कपिल सिब्बल ने कहा कि अमेरिका-इंग्लैंड में आपने अदला-बदली देखी है. हिंदुस्तान में ही ये क्यों होता है. जनता को भरोसा हो चुका है कि ये नेता एसे ही हैं. कोई भी पार्टी नीतियं के आधार पर नहीं चल रहा है. आज की राजनीति में कोई सिद्धांत नहीं है. हम तो पार्टी में सुधार चाहते हैं. कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव तो होगा ही. हम चाहते हैं कि सीडबल्यूसी का चुनाव भी हो. नहीं होगा तो नहीं होगा. इसके बारे में हम कुछ नहीं कह सकते. नेतृत्व को सब मालूम है. सिब्बल ने कहा कि मुझे विश्वास है कि वो कुछ न कुछ करेंगे. हमारी बाते नहीं सुनेंगे तो उसके अपने ही परिणाम होंगे.
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