कांग्रेस द्वारा मध्य प्रदेश चुनाव में समाजवादी पार्टी को कोई सीट नहीं देने से नाराज समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को कहा कि अगर कांग्रेस इस तरह व्यवहार करेगी तो उसके साथ कौन खड़ा होगा?
यादव ने कहा, 'मैं कांग्रेस पार्टी को कोई सलाह या सुझाव नहीं दे रहा हूं लेकिन देश के सामने एक बड़ी चुनौती है. भाजपा एक बड़ी पार्टी है और यह एक बहुत ही संगठित है. इसलिए इसे लेकर किसी भी पार्टी में कोई भ्रम नहीं होना चाहिए.''
यहां सपा कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण शिविर के बाद पत्रकारों से बातचीत में यादव ने कहा, भ्रम से लड़कर आप कोई चुनाव नहीं जीत पाएंगे. उन्होंने कहा, ''अगर कांग्रेस इस तरह का व्यवहार करेगी तो उसके साथ कौन खड़ा होगा?' उन्होंने विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया' में शामिल अपनी पार्टी और कांग्रेस के बीच मतभेद की खबरों पर खुलकर टिप्पणी की.
यादव ने कहा, “इंडिया गठबंधन को पहले ही यह बात साफ कर देनी चाहिए थी कि प्रदेश स्तर पर कोई समझौता नहीं होगा. मध्य प्रदेश चुनाव के लिए सपा से बात की गई तो हमने पार्टी के प्रदर्शन के बारे में बताया. इसके बाद कांग्रेस ने सपा को छह सीट देने पर सहमति जताई. बाद में जब कांग्रेस की सूची जारी हुई तो सपा को कोई सीट नहीं दी गई और हमारे निवर्तमान विधायक का भी टिकट काट दिया गया.”
सपा अध्यक्ष ने कहा, 'इंडिया से पहले पीडीए (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) की बात हुई थी. मैंने कई मौकों पर कहा है कि इंडिया गठबंधन है लेकिन हमारी रणनीति पीडीए है और पीडीए एनडीए को हराएगा.' उन्होंने स्पष्ट रूप से मध्य प्रदेश में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ का जिक्र करते हुए कहा 'जब मध्यप्रदेश के एक नेता और एक पूर्व मुख्यमंत्री ने हमसे बात की और पूछा कि हमें कौन सी सीटें चाहिए, तो मैंने मध्य प्रदेश में विभिन्न चुनावों में सपा के प्रदर्शन के बारे में बताते हुए कहा कि मध्य प्रदेश से कई उम्मीदवार जीते जो अन्य पार्टी में शामिल हो गए. मैंने याद दिलाया कि जब कांग्रेस को समर्थन की जरूरत थी, तो सपा विधायक ने सबसे पहले समर्थन की पेशकश की और सरकार बन गई थी.''
यादव ने कहा, 'मेरा मानना है कि अगर आप कोई सीट देने को तैयार नहीं थे तो आपको हमसे बात नहीं करनी चाहिए थी. लेकिन, उन्होंने हमें कोई जानकारी नहीं दी. इसलिए, जहां हमारी मौजूदगी है, वहां सपा लड़ रही है.' पिछले साल उत्तर प्रदेश की आजमगढ़ लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव भाजपा के हाथों समाजवादी पार्टी की हार को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय की टिप्पणी पर भी यादव ने आपत्ति जताई.
सपा प्रमुख ने कहा, 'आजमगढ़ से गहरा रिश्ता है. यदि आप आजमगढ़ के बारे में कुछ भी कहते हैं, जो भावनाएं समाजवादियों की आजमगढ़ के साथ हैं, संभव है कि वही भावनाएं कांग्रेस की रायबरेली और अमेठी में हैं. हमने कभी भी रायबरेली और अमेठी पर कोई टिप्पणी नहीं की है.' राय ने बृहस्पतिवार को कथित तौर पर कहा था कि अगर अखिलेश यादव इतने ही मजबूत नेता हैं तो आजमगढ़ उपचुनाव में सपा भाजपा से कैसे हार गई.
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को अब तक एक भी सीट नहीं देने से कांग्रेस से नाराज सपा प्रमुख ने पिछले दिन संकेत दिया था कि उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के साथ वैसा ही व्यवहार कर सकती है. सपा प्रमुख की नाराजगी के बाद, राय ने शुक्रवार को पलटवार करते हुए कहा कि सपा उनकी पार्टी को दोष नहीं दे सकती क्योंकि उसने कांग्रेस से पहले अपने उम्मीदवारों की सूची जारी की थी और वह अलग से चुनाव लड़कर भाजपा को मजबूती दे रही है.
मध्य प्रदेश की 230 सदस्यीय विधानसभा के लिए 17 नवंबर को होने वाले चुनाव के लिए सपा अब तक 31 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर चुकी है. 2018 के मध्य प्रदेश चुनावों में सपा ने आदिवासी गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के साथ गठबंधन में 1.30 प्रतिशत वोट हासिल करके एक सीट (बुंदेलखंड क्षेत्र में बिजावर) जीती और पांच पर दूसरे स्थान पर रही. यादव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दुष्प्रचार और झूठ की राजनीति करती है और वह इतना ज्यादा झूठ फैलाती है कि कई बार लोग उसे स्वीकार कर लेते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा नफरत की राजनीति करके समाज में दूरियां बनाने का काम कर रही है.
अखिलेश ने कहा, “भाजपा नफरत की राजनीति कर रही है और समाज में दूरियां बना रही है. यह बात जनता को समझाने के लिए हम कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण शिविर लगा रहे हैं.” यादव ने शाहजहांपुर के हालात को लेकर उत्तर प्रदेश की भाजपा नीत सरकार पर निशाना भी साधा. उन्होंने कहा, “यहां सड़क खुदी पड़ी है, जगह-जगह कूड़े के ढेर तथा सड़कों पर सांड ही सांड दिखाई दे रहे हैं. सड़कें खुदी होने के चलते बच्चे स्कूल और मरीज अस्पताल नहीं पहुंच पा रहे हैं.”