- जम्मू-कश्मीर के नौगाम पुलिस स्टेशन में अमोनियम नाइट्रेट में विस्फोट हो गया, जिसे पूर्व में जब्त किया गया था.
- विस्फोट तब हुआ जब पुलिस, तहसीलदार और एफएसएल टीम विस्फोटक सामग्री की जांच कर रहे थे.
- पुलिस ने इस घटना को आतंकवादी हमला न बताते हुए इसे बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया है.
जम्मू-कश्मीर के नौगाम में पुलिस स्टेशन के अंदर तेज धमाका हुआ है. पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है. पुलिस के मुताबिक, यह विस्फोट अमोनियम नाइट्रेट में हुआ है, जिसे कुछ वक्त पहले जब्त किया गया था. यह विस्फोट उस समय हुआ जब एफएसएल टीम, तहसीलदार और पुलिस की टीम विस्फोटक सामग्री की जांच कर रही थी. जम्मू कश्मीर पुलिस ने इस घटना को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया. यह कोई आतंकवादी हमला नहीं है. विस्फोट में एक पुलिस अधिकारी की भी मौत हो गई.
पुलिस ने बताया कि पुलिस ने भारी मात्रा में कुछ वक्त पहले अमोनियम नाइट्रेट जब्त किया था. यह नौगाम में पुलिस स्टेशन में रखा हुआ था. अधिकारियों के जांच करने के दौरान यह विस्फोट हुआ है. अधिकारियों ने बताया कि पुलिस स्टेशन में बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री दुर्घटनावश फट गई.
विस्फोट से पुलिस स्टेशन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त
श्रीनगर के नौगाम पुलिस स्टेशन में हुए विस्फोट में पुलिस स्टेशन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया. कई लोगों के हताहत होने की आशंका है. घायलों को अस्पताल ले जाया गया है.
कई घायलों को भारतीय सेना के 92 बेस अस्पताल और एसकेआईएमएस ले जाया गया है. यह धमाका इतना भीषण था कि आसपास की इमारतों के साथ-साथ वाहनों को भी नुकसान पहुंचा है.
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी नौगाम पहुंच गए हैं और इलाके की घेराबंदी कर दी गई है.
जैश के पोस्टर लगाने के मामले का किया था पर्दाफाश
नौगाम के थाना प्रभारी ने ही इलाके के विभिन्न स्थानों पर आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के पोस्टर लगाने के मामले का पर्दाफाश किया था. इन पोस्टरों ने उस आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश किया जिसमें डॉक्टरों सहित उच्च-योग्य पेशेवर शामिल थे.
अक्टूबर में गिरफ्तार डॉक्टरों में से एक अदील अहमद राठेर कश्मीर में सुरक्षा बलों और "बाहरी लोगों" पर बड़े हमलों की चेतावनी देने वाले पोस्टर लगाते हुए देखा गया था. उसकी गिरफ्तारी से एक खतरनाक नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ था, जो बाद में दिल्ली में हुए विस्फोट के पीछे पाया गया, जिसमें इस हफ्ते की शुरुआत में 13 लोगों की जान चली गई थी.
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कहा कि पोस्टरों की जांच से एक "सफेदपोश आतंकी तंत्र" का पता चला, जिसमें कट्टरपंथी पेशेवर और छात्र शामिल थे, जो पाकिस्तान और अन्य देशों से संचालित विदेशी आकाओं के संपर्क में थे.














