लखनऊ की गलियों से अंतरिक्ष की उड़ान तक, कैसे हुआ चयन? जानें शुभांशु शुक्ला की पूरी कहानी

Shubhanshu Shukla Success Story: लखनऊ के शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर जाने वाले पहले भारतीय बनने वाले हैं. ऐसे में शुभांशु की उपलब्धि पूरे देश के लिए बेहद खास है.

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Astronaut Shubhanshu Shukla Success Story: भारत के अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की पूरी कहानी.

Astronaut Shubhanshu Shukla: लखनऊ की गलियों में पढ़ा-बढ़ा एक युवक अंतरिक्ष की उड़ान भरने को तैयार है. भारत के अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला 25 जून को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) के लिए रवाना होंगे. शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर जाने वाले पहले भारतीय बनने वाले हैं. ऐसे में शुभांशु की उपलब्धि पूरे देश के लिए बेहद खास है.  Axiom Mission-4 (एक्सिओम मिशन-4) के तहत शुभांशु शुक्ला 14 दिन तक इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर रहेंगे. शुभांशु की यह यात्रा भारत के लिए बेहद अहम होगी.

एक्सिओम मिशन-4  के कैप्टन होंगे शुभांशु शुक्ला

एक्सिओम मिशन-4 में शुभांशु शुक्ला के साथ-साथ तीन और अंतरिक्षयात्री इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन जाने वाले हैं.  मिशन के संचालन की जिम्मेदारी शुभांशु शुक्ला के पास रहेगी. शुभांशु के साथ अंतरिक्ष जाने वाले अन्य अंतरिक्ष यात्रियों में अमेरिका के कमांडर पैगी व्हिटसन, मिशन विशेषज्ञ पोलैंड के स्लावोज उज्नान्स्की-विस्निएव्स्की (पोलैंड) और मिशन विशेषज्ञ हंगरी के टिबोर कापू शामिल है. 

एक्सिओम मिशन-4: नासा और इसरो की संयुक्त पहल

उल्लेखनीय हो कि एक्सिओम मिशन अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा और भारत की इसरो की संयुक्त पहल है. राकेश शर्मा के बाद शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय बनेंगे. शुभांशु शुक्ला की ये यात्रा 1984 में राकेश शर्मा की यात्रा के चार दशक बाद हो रही है. राकेश शर्मा ने रूस के सोयुज अंतरिक्षयान से अंतरिक्ष की यात्रा की थी.

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2018 में पीएम मोदी ने लालकिले से की थी घोषणा

साल 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से घोषणा किया था कि भारत के बेटे-बेटी बहुत जल्द अंतरिक्ष में जाएंगे. इसके बाद शुक्ला को साल 2019 में इसरो के अंतरिक्ष यात्री चयन प्रक्रिया में शामिल किया गया था. इसके बाद कई चरणों पर हुई जांच के बाद जनवरी 2025 में 39 वर्षीय अंतरिक्ष यात्री को नासा और इसरो के एक्स-4 मिशन के लिए पायलट के रूप में चुना गया था.

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अब जानिए भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की पूरी कहानी

शुभांशु शुक्‍ला का जन्‍म 10 अक्टूबर 1985 को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुआ. उनके पिता का नाम शंभू दयाल शुक्ला है, जो बेटे की उपलब्धि से बेहद खुश है. मां आशा शुक्ला भी बेटे की उपलब्धि से फूले नहीं समा रहीं.  

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मिग, जगुआर सहित कई विमानों को उड़ाने का अनुभव

शुभांशु शुक्ला भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन हैं. शुभांशु ISRO के गगनयान मिशन के लिए चुने गए 4 अंतरिक्ष यात्रियों में से एक है. शुभांशु एएन-32, जगुआर, हॉक, मिग-21, मिग-29 और एसयू-30 एमकेआई जैसे कई विमानों को उड़ा चुके हैं.  उनके पास 2000 घंटे की उड़ान का अनुभव है.  

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2005 में एनडीए से हासिल की ग्रेजुएशन की उपाधि

शुभांशु शुक्‍ला ने 2005 में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (National Defence Academy) से ग्रेजुएशन की उपाधि हासिल की और जून 2006 में इंडियन एयरफोर्स में कमीशंड हुए. जून 2019 में शुभांशु शुक्ला को विंग कमांडर के रूप में पदोन्‍नति मिली और उसी साल इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोस्पेस मेडिसिन (IAM) के जरिये IAF के अंतरिक्ष यात्री कार्यक्रम के लिए चुना गया. 

2024 में ग्रुप कैप्टन बनाए गए थे शुभांशु शुक्ला

शुभांशु शुक्ला 2021 में गागरिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में अपना बुनियादी प्रशिक्षण पूरा करने के लिए रूस गए. वापसी के बाद भी उन्‍होंने बेंगलुरु में स्थित अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण सुविधा में अपना प्रशिक्षण जारी रखा. 2024 में उन्हें IAF में ग्रुप कैप्टन के रूप में पदोन्नित दी गई. 

राकेश शर्मा के बाद अतंरिक्ष जाने वाले दूसरे भारतीय होंगे शुभांशु

अगस्त 2024 में ISRO ने शुभांशु को अंतरराष्‍ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए निजी मिशन एक्सिओम मिशन-4 के लिए पायलट घोषित किया. राकेश शर्मा के अंतरिक्ष में जाने के चार दशक बाद शुभांशु शुक्‍ला दूसरे भारतीय होंगे जो अंतरिक्ष में जाएंगे. 

आर्म्ड फोर्सेज में शामिल होने वाले अपने परिवार के पहले शख्स

शुभांशु शुक्ला तीन भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं और आर्म्‍ड फोर्सेज में शामिल होने वाले अपने परिवार के पहले व्यक्ति हैं. उनकी शादी कामना शुभा शुक्ला से हुई हैं, जो कि एक डेंटिस्‍ट हैं. 8 जून को शुभांशु शुक्ला के इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर रवाना होते ही भारत के नाम एक बड़ी उपलब्धि दर्ज होगी.

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