पश्चिम बंगाल विधानसभा में रायगंज से भाजपा विधायक कृष्णा कल्याणी ने शुक्रवार को घोषणा की कि उन्होंने भाजपा से खुद को अलग करने का फैसला कर लिया है. उन्होंने कहा कि उनके लिए भगवा दल के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री देबाश्री चौधरी के क्षेत्र में चल रहे ‘तमाशे के साथ' आम लोगों के लिए काम करना असंभव हो गया है. वहीं, राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने कल्याणी के इस बयान के बाद उन्हें पार्टी में शामिल होने का न्योता देने में देरी नहीं की. रायगंज में संवाददाताओं से बातचीत में कल्याणी ने कहा कि चौधरी ने इस साल हुए विधानसभा चुनाव में उनकी हार सुनिश्चित करने के लिए साजिश रची.
उन्होंने दावा किया, ‘‘रायगंज की सांसद देबाश्री चौधरी मेरे खिलाफ लंबे समय से साजिश रच रही हैं. वह मुझे विश्वासघाती कहती हैं, लेकिन वास्तविकता यह है कि वह उन लोगों में शामिल हैं जिन्होंने रायगंज में मेरी हार सुनिश्चित करने के लिए साजिश रची क्योंकि यह उनके निजी एजेंडे में था.'' कल्याणी ने आरोप लगाया कि उनकी शिकायतों को राज्य और केंद्रीय नेतृत्व ने ‘भुला' दिया. उन्होंने कहा कि ‘‘इसलिए यह उचित है कि मैं स्वयं को पार्टी से अलग कर लूं. यह फैसला तत्काल प्रभाव से लागू होता है.'' हालांकि, विधायक ने यह खुलासा नहीं किया कि क्या उन्होंने पहले ही पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को अपना इस्तीफा भेज दिया है या नहीं.
कल्याणी ने कहा कि उनकी फिलहाल तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने की कोई योजना नहीं है. उन्होंने कहा कि ‘‘मेरी इच्छा केवल अपने निर्वाचन क्षेत्र की जनता की सेवा करना है, जो भाजपा में उस व्यक्ति (चौधरी) के साथ संभव नहीं है जो यहां संगठन चला रही हैं.'' उल्लेखनीय है कि भाजपा सांसद ने दो सप्ताह पहले कल्याणी के इसी तरह के आरोप पर कहा था कि वह ‘‘ऐसी सस्ती और घटिया हमलों' पर प्रतिक्रिया नहीं देना चाहती. चौधरी ने कहा कि पार्टी की सच्ची कार्यकर्ता की तरह उन्होंने कल्याणी और अन्य पार्टी उम्मीदवारों को विधानसभा में जीताने का प्रयास किया और उनके खिलाफ लगाए गए आरोप ‘‘अनुचित और पूरी तरह से गलत'' हैं. तृणमूण कांग्रेस के सांसद सौगत राय ने इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्होंने पाया कि कल्याणी को भाजपा में उनका वाजिब सम्मान नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘हम उनका अपनी पार्टी में स्वागत करना चाहेंगे.'' गौरतलब है कि मई के मध्य से सितंबर तक मुकुल रॉय सहित कई भाजपा विधायक और पार्टी सांसद बाबुल सुप्रीयो भगवा खेमा छोड़कर ममता बनर्जी नीत पार्टी में शामिल हो चुके हैं.