केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं. उनका कहना है कि इस बार का चुनाव अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ प्रतिक्रिया देने का चुनाव है. पूरा समाज एक साथ अशोक गहलोत की सरकार को हटाने के लिए खड़ा है. इस बार जनता बहुत वोकल है, और कांग्रेस को हटाने व भाजपा को लाने के लिए लगी हुई है. NDTV से एक खास बातचीत में गजेंद्र सिंह ने कहा कि अशोक गहलोत ने 2013 में सुनियोजित तरीके से अपने आप को मुख्यमंत्री नंबर-1 घोषित करवाया, लेकिन फिर भी कांग्रेस सिर्फ 21 सीटों पर सिमट गई. इस बार अशोक गहलोत जो वादे कर रहे हैं, वो खोखले हैं...
अशोक गहलोत पर हमला करते हुए गजेंद्र सिंह ने कहा कि आप को अंतिम समय में 'मुफ्त की रेवडि़यों' की याद क्यों आई है...? क्योंकि साढ़े चार साल में आप फेल हो गए हैं. आप राज्य के लोगों को गारंटी अंत में क्यों देते हैं. दरअसल, इनकी राजनीतिक जमीन खिसक गई है, उसको बचाने के लिए गारंटी लेकर आए हैं. इनकी मंहगाई राहत शिविर का वादा भी खोखला है. अब इन्होंने ऐलान किया है कि 500 रुपये में गैस सिलेंडर देंगे, जबकि भारत सरकार पहले ही 600 रुपये में सिलेंडर दे रही है. गहलोत सरकार ने कहा था कि हम स्कूल में हर बच्चे को दूध पिलाएंगे, ना तो वह योजना आई और न दूध खरीदा गया. अब आप कह रहे हैं कि गोबर खरीदेंगे.
राजस्थान में 'ईस्टर्न कैनाल प्रोजेक्ट' इस बार बड़ा मुद्दा बना हुआ है, इसे लेकर क्या कहेंगे...?
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ईस्टर्न कैनाल प्रोजेक्ट (ERPC) को राजनीतिक हथियार बनाया है. उन्होंने इस प्रोजेक्ट में बाधाएं उत्पन्न की हैं. इस योजना को भाजपा की सरकार प्राथमिकता से प्रारम्भ करेंगी. आज मैं वादा करता हूं कि ईस्टर्न कैनाल प्रोजेक्ट का हम शिलान्यास करेंगे और उद्धाटन भी करेंगे.
ERCP का हम शिलान्यास भी करेंगे उद्धघाटन भी करेंगे.
आप अपने छात्र संघ की राजनीति से केंद्रीय मंत्री तक के सफर को लेकर क्या कहेंगे?
मैंने छात्र संघ से राजनीतिक जीवन प्रारम्भ किया और लगातार आगे बढ़ता चला गया. मुझे कहा गया कि सीमा वर्ती क्षेत्र में काम करो... वहां चुनौतियां थी, लेकिन मैंने वहां एक संगठन के माध्यम से काम किया. मैंने किये गए काम नजर आते हैं, आज पश्चिमी राजस्थान की सीमा अन्य सीमाओं की तुलना से ज़्यादा सुरक्षित है. मैंने वहां लोगों की मूलभूत सुविधाओं के लिए संघर्ष को समझा, वो अनुभव मेरे जीवन का वाहक और चालक बना है. अगर किसी की बकरी खो जाती है, तो वो उसकी पूंजी है, ऐसे समय में अगर उनका जन प्रतिनिधि उनके साथ खड़ा नहीं है, तो वह भरोसा कैसे कर पाएंगे.
कहा जा रहा था कि आप अशोक गहलोत के सामने विधानसभा चुनाव लड़ेंगे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं...?
देखिए, कौन कहां से चुनाव लड़ेगा, ये भारतीय जनता पार्टी की पार्लियामेंट्री बोर्ड तय करती है. पार्टी के वरिष्ठ लोग इसका निर्णय करते हैं. मेरा लक्ष्य एक ही है कि भारत माता की जय करना और जहां भी हो, मैं भारत माता की जय कहना चाहता हूं.
आप पर जो संजीवनी घोटाले को लेकर आरोप लगे, उनपर क्या कहना चाहेंगे?
अशोक गहलोत को बेटे की हार की टीस है. साथ ही जोधपुर क्षेत्र में जो उनका राजनीतिक एकाधिकार है, इन दोनों को पहली बार चुनौती मिली है. ये उनकी चुनाव के दौरान इस्तेमाल शब्दावली में दिख रहा है. उन्होंने संजीवनी को एक हथियार के रूप में उपयोग करने की कोशिश की है. मेरे परिवार के किसी सदस्य का संजीवनी से कोई लेना-देना नहीं है.
क्या आप अशोक गहलोत के साथ चाय पिएंगे...?
मेरी उनसे कोई व्यक्तिगत लड़ाई नहीं है. हमारा शहर एक अपणायत का शहर है, प्रेम और प्रीती का शहर है. अब गहलोत साहब सरकर से बहार जाने वाले हैं. आज जिस तरह की परिस्थितियां हैं, गहलोत सहब को दिल्ली में भी जगह नहीं मिलेगी. शायद अब उनके पास फ्री टाइम रहेगा, तो वो एक दिन मुझे ज़रूर चाय पीने के लिये बुलाएंगे. मैं उसका इंतज़ार कर रहा हूं. ऐसे जादूगर से जिनका नाम नहीं होते हुए भी वो 3-3 बार मुख्यमंत्री बन गए, मैं उनकी जादूगरी सीखने के लिए, ज़रूर उनके पास जाऊंगा. मैं जरूर उनके जादूगरी के कुछ गुर सीखना चाहूंगा.
आपने वसुंधरा राजे के साथ कॉफ़ी पी...?
अरे, वो सामान्य शिष्टाचार की भेट थी... उन्होंने मुझे निमंत्रित किया था. फिर वह हमारी वरिष्ठ नेता हैं. मैं उनके बुलावे पर गया और हमने कॉफी पी. इस दौरान राजनीतिक विषयों पे चर्चा हुई. इस बात पर चर्चा हुई कि राजस्थान में किस तरह से भाजपा को और प्रबल बनाया जा सकता है.
राजस्थान में वसुंधर राजे भाजपा की दिग्गज नेता हैं, फिर सीएम फेस क्यों नहीं...?
ये बीजेपी का पार्लियमेंट्री बोर्ड तय करता है. मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान सीएम फेस नहीं हैं... ये मुद्दा नहीं बन रहा है, जबकि वह पिछले काफी समय से मुख्यमंत्री के रूप में काम कर रहे हैं. सीएम फेस ज्यादा मुद्दा तो मध्य प्रदेश में होना चाहिए. देखिए, हम पद की बात नहीं करते... हम जिम्मेदारी की बात करते हैं.
फिर भाजपा के सत्ता में आने पर मुख्यमंत्री कौन बनेगा?
मैंने पहले ही कहा कि ये मेरा अधिकार क्षेत्र नहीं है. मैं वर्त्तमान में जीता हूं, मैंने कभी ये सोच के काम नहीं किया कि कल क्या होगा...? मैं आज देश के लिए क्या कर सकता हू, मैं उससे जीता हूं. मुझे संगीत सुनना, भजन सुनना, क्लासिकल म्यूजिक सुनना अच्छा लगता है. साथ ही युवाओं के साथ बातें करना पसंद है. मुझे खाना बनाना भी अच्छा लगता है. मैं खुद ड्राइव करके तीन बार पूरे भारत का भ्रमण कर चुका हूं.