कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कहा कि उन्होंने पार्टी के अध्यक्ष पद के चुनाव के नतीजों के बारे में सोनिया गांधी से गुरुवार को बात की और उन्होंने कहा कि यह आश्चर्यजनक नहीं है कि लोग अपने बीच में से ही किसी एक का समर्थन करेंगे. इस चुनाव में विजेता उम्मीदवार मल्लिकार्जुन खड़गे का कई वरिष्ठ नेताओं ने समर्थन किया, जबकि बदलाव के उम्मीदवार के तौर पर अपने आप को पेश करने वाले थरूर का पार्टी के ऐसे कार्यकर्ताओं ने समर्थन किया, जिन्हें कम जाना जाता है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मोहसिना किदवई की आत्मकथा के विमोचन पर थरूर ने यह भी कहा कि वह नतीजों को लेकर हताश नहीं हैं, क्योंकि चुनावों ने पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश भरा.
यह पूछे जाने पर कि क्या वह चुनाव नतीजों से निराश हैं, इस पर थरूर ने कहा, "नहीं, मैं निराश नहीं हूं, क्योंकि अभियान के शुरुआती क्षणों से ही यह स्पष्ट था कि मोहसिना किदवई या सैफुद्दीन सोज या कुछ अन्य साथी सांसदों के कुछ विरले मामलों को छोड़कर पूरी पार्टी मल्लिकार्जुन खड़गे का समर्थन करने जा रही है और मुझे इसे लेकर कोई शिकायत नहीं है."
तिरुवनंतपुरम के सांसद ने कहा, "बल्कि सोनिया जी और मैं आज चुनावों के बारे में बात कर रहे थे और उन्होंने कहा कि ...यह आश्चर्यजनक नहीं है कि लोग अपने बीच में से ही किसी एक का समर्थन करेंगे और मैंने कहा बिल्कुल, मुझे कोई हैरानी नहीं हुई."
थरूर ने कार्यक्रम के बाद कहा कि उन्होंने सोनिया गांधी से मुलाकात की थी. उन्होंने कहा कि पूरी चुनाव प्रक्रिया ने दोनों पक्षों के लोगों और पार्टी कार्यकर्ताओं में जिस तरीके से जोश भरा, उससे वह काफी संतुष्ट हैं. उन्होंने कहा, "मैंने अब देशभर के हमारे पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ नए संबंध बनाए हैं और इस चुनाव के बिना मुझे कभी यह मौका नहीं मिलता."
कांग्रेस नेता ने कहा, "मुझे लगता है कि उनमें से कई लोगों ने मुझे प्रभावित किया और मैंने कई तरीकों से उन्हें प्रभावित किया, इसलिए मैं इन सभी को लेकर बहुत खुश हूं और मुझे लगता है कि इस तरह की कवायद से सकारात्मक रूप से सीखने के लिए काफी कुछ है."
थरूर ने कहा कि उन्हें यह देखकर हंसी आयी कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता अपने साथ दुर्व्यवहार को लेकर कांग्रेस पर हमला कर रहे हैं. उन्होंने इसका जवाब देते हुए कहा, "हम अपनी अंदरुनी लड़ाई लड़ सकते हैं लेकिन हम पर टिप्पणी करने से पहले आप अपने चुनाव कराने की कोशिश करिए."
किताब के विमोचन पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने मौजूदा सरकार के खिलाफ विपक्षी एकता का आह्वान किया. इस कार्यक्रम में वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शिवराज पाटिल, सुशील कुमार शिंदे और मणिशंकर अय्यर भी मौजूद रहे.
शशि थरूर ने कहा, "मैं विरोध का उम्मीदवार नहीं, बदलाव का उम्मीदवार था"