हैदराबाद ट्रैफिक पुलिस ने मोटरसाइकिल में मॉडिफाइड साइलेंसर लगाने वालों पर की कार्रवाई, 1,910 मामले किए दर्ज

मोटरसाइकिल में साइलेंसर को मॉडिफाई कराने से न केवल ट्रैफिक रेगुलेशन के नियमों का उल्लंघन होता है बल्कि साथ ही पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचता है. साइलेंसर हटाने या मॉडिफाइड साइलेंसर लगाने से शोर का स्तर बढ़ जाता है और वायु प्रदूषण भी बढ़ जाता है.

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पुलिस ने उल्लंघनकर्ताओं से लगभग 1000 मॉडिफाइड साइलेंसर जब्त किए और उन्हें नष्ट कर दिया.
नई दिल्ली:

हैदराबाद शहर के पुलिस आयुक्त की ओर से आईपीएस के श्रीनिवास रेड्डी ने बताया कि पर्यावरण प्रदूषण को रोकने और सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रयासों के तहत, उत्तरी जिले की ट्रैफिक पुलिस ने मोटरसाइकिल साइलेंसर के अवैध मॉडिफिकेशन के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं. चलाए गए विशेष अभियान के दौरान 1,910 मामले दर्ज किए गए हैं और पुलिस ने उल्लंघनकर्ताओं से लगभग 1000 मॉडिफाइड साइलेंसर जब्त किए और उन्हें नष्ट कर दिया.

मोटरसाइकिल में साइलेंसर को मॉडिफाई कराने से न केवल ट्रैफिक रेगुलेशन के नियमों का उल्लंघन होता है बल्कि साथ ही पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचता है. साइलेंसर हटाने या मॉडिफाइड साइलेंसर लगाने से शोर का स्तर बढ़ जाता है और वायु प्रदूषण बढ़ जाता है, जिससे व्यक्तियों और समुदाय दोनों के लिए गंभीर स्वास्थ्य खतरे पैदा होते हैं. कई युवा मोटरसाइकिल चालकों को अपनी बाईक में अधिक तेज आवाज वाले होर्न और मॉडिफाइड साइलेंसर लगवाना पसंद होता है. यह उनका स्टाइल होता है. हालांकि, जब आप अचानक तेज आवाज वाला होर्न बजाते हैं तो इससे आसपास के लोग पैनिक हो जाते हैं. इस वजह से वो अपना बैलेंस खो देते हैं और उनके खतरे में पड़ने के चांस बढ़ जाते हैं. 

मोटर वाहन अधिनियम की धारा 190(2) के संशोधन के अनुसार, अपनी बाइक पर वायु और ध्वनि प्रदूषण फैलाने वाले प्रेशर हॉर्न और संशोधित साइलेंसर लगाने पर 10,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. साथ ही इस वजह से छह माह तक कारावास भी हो सकता है. यह जुर्माना तब लागू होता है जब आपका प्रेशर हॉर्न या मॉडिफाइड साइलेंसर 80 डेसिबल से अधिक शोर पैदा करता है. 

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