रक्षाबंधन के मौके पर हैदराबाद में एक शख्स ने कुछ ऐसा कर दिखाया जो अपने आप में ही किसी मिसाल से कम नहीं है. दरअसल, दुष्यंत वरकार अपनी बहन शीतल भंडारी को डायलिसिस के दौरान होने वाले दर्द को हर बार सहते हुए नहीं देखना चाहते थे. इसलिए उन्होंने फैसला किया कि वह अपनी पहन को किडनी डोनेट करके उसे इस दर्द से छुटकारा दिलाएंगे.
ANI से बात करते हुए दुष्यंत और शीतल ने अपने अनुभव साझा किए. दोनों ही पुणे के रहने वाले हैं. उन्होंने कहा कि यह पल उनकी जिंदगी का सबसे यादगार पलों में से एक है.
शीतल ने बताया कि डायलिसिस के बाद मुझे कई स्वास्थ्य समस्याओं जैसे कमजोरी, अनिद्रा आदि का सामना करना पड़ता था. कमजोरी के कारण मैं काम करने में असमर्थ थी. मेरे भाई ने हिम्मत दिखाते हुए यह फैसला किया कि वह मुझे अपनी किडनी डोनेट करेगा. हालांकि, हमने किडनी दान में लेने के लिए पंजीकरण भी कराया हुआ था.
उन्होंने कहा कि हर बहन के लिए ऐसा भाई होना चाहिए जो उसे हर स्थिति में मदद करे, मैं भाई और बहन के इस रिश्ते को शब्दों में बयां नहीं कर सकती. वहीं, दुष्यंत ने कहा कि मेरी बहन 2017 से किडनी की समस्या से जूझ रही है. डॉ. एवी राव और सुजीत रेड्डी की टीम ने हमारी बहुत मदद की. उन्होंने मेरी किडनी को मेरी बहन में सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित कर दिया है.
हैदराबाद के एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ नेफ्रोलॉजी एंड यूरोलॉजी के डॉ. सुजीथ रेड्डी ने कहा कि जब हमे पता चला कि उनका भाई ही उन्हें किडनी देने को तैयार है तो हमें भी खुशी हुई. आखिरकार हमने भी बगैर किसी जटिलताओं के इस ऑपरेशन को पूरा किया.