मध्य प्रदेश के ग्वालियर में एक गांव से बड़ा ही अजीबोग़रीब मामला सामने आया है. डबरा इलाक़े के चांदपुर गांव में रहने वाले सैकड़ों लोग स्थानीय सिविल अस्पताल में एंटी रेबीज इंजेक्शन (Anti-Rabies Vaccine) लेने पहुंच गए. एंटी रेबीज इंजेक्शन लगवाने के लिए लोगों की इतनी भीड़ उमड़ी कि अस्पताल के डॉक्टर्स और स्टाफ़ भी परेशान हो गया. ये अजीब वाकया तब घटा, जब गांव की एक भैंस को पागल कुत्ते ने काट लिया था. भैंस के बच्चे ने उसका दूध पिया तो उसकी मौत हो गई. कुछ दिन बाद भैंस की भी मौत हो गई.
इससे कुछ दिन पहले गांव में सामूहिक भोज का कार्यक्रम हुआ था, जिसमें उसी भैंस के दूध से रायता बना था जिसकी पागल कुत्ते के काटने से मौत हुई. उस रायते को भोज में शामिल सभी लोगों ने खाया था. ऐसे में गांव वालों को डर लग रहा है कि एंटी रेबीज इंजेक्शन न लेने पर उनकी जान जा सकती है. अस्पताल के डॉक्टरों ने गांव वालों को समझाया कि दूध को गर्म करने से वायरस मर जाता है. लेकिन इसके बावजूद 40 लोगों को एंटी रेबीज इंजेक्शन दिया गया.
रायते का सेवन करने वाले हर किसी को डर है था कि कही उनकी मौत न हो जाए, इसलिए वो इंजेक्शन लगवाने के लिए अस्पताल पहुंच गए. ग्रामीणों के अनुसार भैस को गांव के एक पागल कुत्ते ने कुछ दिन पहले काटा था,जिसके बाद भैंस के बछड़े ने उसका दूध पिया फिर उसकी मौत हो गई, इसके ही कुछ दिन बाद भैस की भी मौत हो गई. वही मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ANI को बताया कि बीमार कोई भी नहीं था लोग दहशत में आ गए थे वैज्ञानिक तौर पर है दूध गर्म होने के बाद वायरस मर जाता है यह सब कुछ वहम के कारण हुआ है.
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि हमने डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट देखी थी उसमें ऐसा कुछ भी नहीं आता है. फिर भी ग्रामीणों को स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए 40 लोगों को रेबीज का इंजेक्शन लगाया गया है लेकिन इसकी जरूरत नहीं थी. हमारे द्वारा स्वास्थ्य विभाग की टीम भी गांव गई थी और सभी ग्रामीणों को समझाया था कि दूध से रेबीज नही होता है अब सभी लोग वहा पूरी तरह नार्मल है.
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