Whatsapp की नई प्राइवेसी पॉलिसी कैसे यूजर्स पर डालेगी असर : इन सवाल-जवाब से जानिए

नई प्राइवेसी पॉलिसी (WhatsApp New Privacy Policy) में व्हाट्सऐप यूजर्स ने नई डेटा शेयरिंग नीति से सहमत होने को कहा जाता है, यह अहम बिंदु है, जो फेसबुक के साथ व्यावसायिक संवाद को साझा करने की अनुमति देती है.

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WhatsApp की नई पॉलिसी 15 मई से प्रभावी होगी, लेकिन इसे अस्वीकार करने का विकल्प नहीं है.
नई दिल्ली:

भारत में व्हाट्सऐप के 34 करोड़ यूजर्स बेहद करीबी से नई प्राइवेसी पॉलिसी पर गौर कर रहे हैं और सवाल पूछ रहे हैं. ऐसा ऐप जो भारत में बेहद लोकप्रिय है. नई प्राइवेसी पॉलिसी में ( WhatsApp New Privacy Policy) व्हाट्सऐप यूजर्स से नई डेटा शेयरिंग पॉलिसी से सहमत होने को कहा गया है, जिसके बिना आप ऐप का इस्तेमाल नहीं कर सकते. इसके तहत फेसबुक के साथ व्यावसायिक बातचीत का डेटा शेयर (Data Sharing) करने की अनुमति दी गई है. यह बड़ी बहस का मुद्दा बन गया है, क्योंकि कोई भी डेटा शेयरिंग के इस विकल्प को अस्वीकार नहीं कर सकता है. इसको लेकर यूजर्स अपनी प्राइवेट चैट (Messaging App Private Chat) या तस्वीर-वीडियो मैसेजिंग प्लेटफॉर्म को लेकर बेहद आशंकित और चिंतित हैं. तमाम संदेहों के बीच हमने यूजर्स के दिमाग में चल रहे ऐसे ही कुछ सवालों के जवाब दिए हैं.

प्रश्न - क्या व्हाट्सऐप आपकी पर्सनल चैट को फेसबुक के साथ साझा करेगा?
उत्तर : नहीं, परिवार, दोस्तों या अन्य के साथ आपका कोई भी संवाद, फोटो, मैसेज, कॉल या वीडियो प्राइवेसी पॉलिसी के तहत प्रभावित नहीं होगी. व्हाट्सऐप किसी भी तरह से इसे देखा नहीं जा सकता, क्योंकि ये इनक्रिप्टेड (कूट भाषा) में होते हैं. 
प्रश्न - किन व्हाट्सऐप यूजर्स का डेटा शेयर किया जाएगा?
उत्तर2. यह मुख्यतया मेटाडेटा है और मेटाडेटा सामान्य डेटा से अलग है. ये चीजें व्हाट्सऐप शेयर करता है : मोबाइल उपकरण से जुड़ी जानकारी जैसे उसका ऑपरेटिंग सिस्टम, फोन मॉडल, स्क्रीन रिजोल्यूशन, आईपी एड्रेस, भाषा, लोकेशन (सिर्फ शहर) घर या जगह नहीं.. यूजर्स को यह ध्यान देने की जरूरत है कि मुख्य पॉलिसी बदलाव किसी व्हाट्सऐप बिजनेस अकाउंट में भेजे गए संदेशों को लेकर है.अगर यूजर्स किसी बिजनेस अकाउंट से संवाद नहीं करने का चुनाव करता है तो मेटाडेटा को छोड़कर उसका कोई भी डेटा फेसबुक के साथ शेयर नहीं होगा.

प्रश्न-   व्हाट्सऐप के मामले में भारत सरकार क्या कार्रवाई कर रही है?
उत्तर3. इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना तकनीक मंत्रालय ने व्हाट्सऐप से संपर्क साधकर यह कहा है कि वह अपनी प्राइवेसी पॉलिसी में बदलाव न करे. इस पर व्हाट्सऐप ने कहा है कि वे इस मामले में पारदर्शिता बरतेंगे और बिजनेस अकाउंट (कारोबारी खाते) से संवाद करने को लेकर नए विकल्प होंगे, ताकि वे बेहतर तरीके से अपने ग्राहकों की सेवा कर सकें.

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प्रश्न - यह किस तरह से यूजर्स पर असर डालेगा?
अगर यूजर्स की दृष्टि से माना जाए तो इसका सबसे बड़ा प्रभाव फेसबुक या उसके अन्य ऐप पर ज्यादा टारगेटेड विज्ञापनों का होगा. यानी आपकी पसंद-नापसंद और अन्य आदतों के आधार पर ऐड दिखाए जाएंगे. इंस्टाग्राम, फेसबुक और व्हाट्सऐप पर आपकी ब्राउजिंग, सर्च हिस्ट्री के आधार पर ज्यादा संबंधित विज्ञापन दिखाए जाएंगे. इसके अलावा अगर आप किसी कारोबार या कंपनी जैसे मेकमाई ट्रिप, क्रोमा बुक माई शो आदि से व्हाट्सऐप से चैट करेंगे तो फेसबुक आपका ज्यादा डेटा शेयर कर सकता है, ताकि साझेदार अपने प्लेटफॉर्म पर खास तरह की सेवाएं पेश कर सकें.
प्रश्न. क्या व्हाट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी को स्वीकार करना अनिवार्य है?
उत्तर. अभी तक के हिसाब से 15 मई से लागू होने वाली नई प्राइवेसी पॉलिसी से बाहर रहने का विकल्प नहीं चुना जा सकता. व्हाट्सऐप ने यह नहीं बताया है कि अगर आप इसे स्वीकार नहीं करते हैं तो क्या होगा. हालांकि उसने आश्वासन दिया है कि कोई भी अकाउंट बंद नहं किया जाएगा.
प्रश्न. क्या व्हाट्सऐप के अन्य विकल्प हैं, जिनका चुनाव किया जा सकता है?
 सिग्नल और टेलीग्राम जैसे ऐप है, सिग्नल ऐप प्राइवेसी को लेकर बेहद सतर्क है, टेलीग्राम के मिश्रित फीचर्स हैं, उसमें भी निजी संवाद करने का विकल्प है.

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 प्रश्न.अगर सबसे महत्वपूर्ण बात करें तो यह है कि क्या यूजर्स को व्हाट्स्ऐप का इस्तेमाल करते रहना चाहिए
अभी के लिए तो बिल्कुल, मेटाडेटा के ट्रैक तक तो सही है और यूजर्स को भी दिक्कत नहीं है. व्हाट्सऐप (WhatsApp) के दुनिया में दो अरब यूजर्स हैं, कुछ हफ्तों में स्थिति साफ होने तक इसका इस्तेमाल करने में कोई परेशानी नहीं है.

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