माफिया मुख्तार अंसारी कैसे बना जुर्म और राजनीति की दुनिया का माहिर खिलाड़ी?

अंसारी के भाई और गाजीपुर से सांसद अफजाल अंसारी ने बताया कि मंगलवार तड़के उन्हें मोहम्मदाबाद थाने से संदेश प्राप्त हुआ कि मुख्तार की तबीयत खराब है और उसे बांदा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है.

Advertisement
Read Time: 5 mins
मुख्तार अंसारी ( फाइल फोटो )

विभिन्न आपराधिक मामलों में बांदा जेल में बंद पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की तबीयत बिगड़ने के बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है. अंसारी के भाई और गाजीपुर से सांसद अफजाल अंसारी ने बताया कि मंगलवार तड़के उन्हें मोहम्मदाबाद थाने से संदेश प्राप्त हुआ कि मुख्तार की तबीयत खराब है और उसे बांदा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है. साथ ही आरोप लगाया कि जिला प्रशासन, जेल प्रशासन और अस्पताल प्रशासन मुख्तार की तबीयत के बारे में उन्हें कुछ भी नहीं बता रहा है.

अफजाल ने आरोप लगाया कि मुख्तार के वकील को भी उससे मिलने नहीं दिया जा रहा. सांसद ने कहा कि उन्होंने बांदा रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री कार्यालय में सूचना के लिए फोन किया था लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गोरखपुर में होने की वजह से उनसे संपर्क नहीं हो पाया. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री कार्यालय में फोन करने का मकसद यह गुजारिश करना था कि बांदा मेडिकल कॉलेज में अगर उपचार की पर्याप्त व्यवस्था नहीं हो तो मुख्तार को लखनऊ के मेदांता अस्पताल या किसी अन्य बड़े चिकित्सालय में भर्ती कराया जाए और अगर सरकार इलाज का खर्च नहीं उठा सकती तो परिजन यह खर्च वहन कर लेंगे.

अफजाल ने कहा कि गत 21 मार्च को बाराबंकी की अदालत में एक मामले में डिजिटल माध्यम से सुनवाई के दौरान मुख्तार के वकील ने आरोप लगाया गया था कि उसके मुवक्किल को जेल में ‘‘धीमा जहर'' दिया गया है जिससे उसकी हालत बिगड़ती जा रही है. मऊ से कई बार विधायक रह चुके मुख्तार अंसारी को विभिन्न मामलों में सजा सुनाई गई है और वह इस वक्त बांदा की जेल में निरुद्ध है.

Advertisement

कौन है मुख्तार अंसारी? कैसे अपराध की दुनिया में जमाया सिक्का

मुख्तार अंसारी गाजीपुर के मोहम्मदाबाद युसूफपुर के एक प्रतिष्ठित परिवार से ताल्लुक रखता है. मंडी परिषद की ठेकेदारी को 1988 में लोकल ठेकेदार सच्चिदानंद राय की हत्या के मामले में मुख्‍तार का नाम पहली बार सामने आया. इसी दौरान त्रिभुवन सिंह के कांस्टेबल भाई राजेंद्र सिंह की हत्या बनारस में कर दी गई. इसमें भी मुख्तार का ही नाम सामने आया. 1990 में गाजीपुर जिले के तमाम सरकारी ठेकों पर ब्रजेश सिंह गैंग ने कब्जा शुरू कर दिया. अपने वर्चस्व को बनाए रखने के लिए मुख्तार अंसारी के गिरोह से उनका सामना हुआ.

Advertisement

1991 में चंदौली में मुख्तार पुलिस की पकड़ में आया. उस पर रास्ते में दो पुलिस वालों को गोली मारकर फरार होने का आरोप है. 1991 में कांग्रेस नेता अजय राय की हत्या के भी आरोप लगा. जिसमे अंसारी समेत पांच लोगों पर मुकद्दमा दर्ज कराया गया. इसके बाद सरकारी ठेके, शराब के ठेके, कोयला के काले कारोबार को बाहर रहकर हैंडल करना शुरू किया. 1996 में एएसपी उदय शंकर पर जानलेवा हमले में मुख्तार का नाम एक बार फिर सुर्खियों में आया.

Advertisement

1996 में मुख्तार पहली बार एमएलए बना, पांच बार विधायक रहा. 1997 में पूर्वांचल के सबसे बड़े कोयला व्यवसायी रुंगटा के अपहरण के बाद मुख्तार का नाम क्राइम की दुनिया में छा गया. कहा जाता है कि 2002 में ब्रजेश सिंह ने मुख्तार अंसारी के काफिले पर हमला कराया. इसमें मुख्तार अंसारी के तीन लोग मारे गए. अक्टूबर 2005 में मऊ में हिंसा भड़की. इसके बाद उस पर कई आरोप लगे, जिन्हें खारिज कर दिया गया.

Advertisement

इसी दौरान मुख्तार अंसारी ने गाजीपुर पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. कहा जाता है राजनीतिक रसूख की लड़ाई में मुख्तार ने इसी दौरान बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की एके 47 से हत्या करा दी. 2010 में अंसारी पर राम सिंह मौर्य की हत्या का आरोप लगा. कृष्णानंद राय की हत्या के बाद मुख्तार अंसारी का दुश्मन ब्रजेश सिंह गाजीपुर-मऊ क्षेत्र से भाग निकला था.

साल 2008 में उसे उड़ीसा से गिरफ्तार किया गया था. 2008 में अंसारी को हत्या के एक मामले में एक गवाह धर्मेंद्र सिंह पर हमले का आरोपी बनाया गया था. 2012 में महाराष्ट्र सरकार ने मुख्तार पर मकोका लगा दिया था. मुख्तार के खि‍लाफ हत्या, अपहरण, फिरौती जैसे कई आपराधिक मामले दर्ज हैं. मुख्तार अंसारी पर कुल 60 से ज्यादा मामले दर्ज है, जिसमें अधिकतर मामले गाजीपुर के हैं.

राजनीति की दुनिया में भी रहा दबदबा

अपराध के अलावा राजनीति की दुनिया में मुख्तार ने अपना दबदबा बनाकर रखा.  उस पर कई मुकदमे दर्ज हुए, लेकिन इसके बावजूद वो चुनाव जीतता रहा. मुख्तार अंसारी पांच बार विधायक रह चुका है. वहीं 15 साल से ज्यादा का वक्त जेल में काट चुका है. 1996, 2002, 2007, 2012 और 2017 भी विधानसभा चुनाव जीता. तीन विधानसभा में मुख्तार ने जेल में रहकर ही जीत हासिल की.

ये भी पढ़ें : मुंबई: होली मनाने के बाद समुद्र में नहाने गए 5 दोस्तों में से 1 की डूबने से मौत, एक अन्य लापता

ये भी पढ़ें : "हम अतीत को भविष्य से जोड़ने वाले पुल...", अदाणी ग्रीन एनर्जी गैलरी के उद्घाटन पर बोले गौतम अदाणी

Featured Video Of The Day
Team India Victory Parade: Wankhede Stadium जा रही T20 World Cup विजेता टीम का ये Video Viral हो गया