लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा ने 400 पार का नारा दिया और कांग्रेस इसमें फंस गई... यह कहना है चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर का. उन्होंने बताया कि कैसे भारतीय जनता पार्टी ने मौजूदा लोकसभा चुनाव में पूरा गोल पोस्ट 272 सीटों से 370 पर शिफ्ट कर दिया. इसे भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रणनीति कहेंगे, जिसका उन्हें लाभ मिला है. एनडीटीवी के एडिटर इन चीफ संजय पुगलिया से खास बातचीत में प्रशांत किशोर ने कहा कि इस समय विपक्ष और आम लोगों का आकलन इसी के इर्दगिर्द घूम रहा है कि भाजपा को 370 सीटें आएंगी या नहीं और 272 की कोई बात ही नहीं कर रहा है, जबकि बहुमत का आंकड़ा 272 है. (प्रशांत किशोर के 6 बड़े कोट्स)
प्रशांत किशोर ने बताया कि इस चुनाव में ओडिशा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, असम, बिहार, तमिलनाडु और केरल इन राज्यों में जितनी सीटें भाजपा के पास हैं, उससे 15-20 सीटें बढ़कर आएंगी. इन राज्यों में भाजपा का वोट शेयर भी बढ़ेगा. यानि आज जो एनडीए की स्थिति है, उससे बेहतर ही स्थिति बन सकती है, सीटें कम होने की संभावना बहुत दिखाई देती है.
संवैधानिक नजरिए से सरकार बनाने के लिए 272 सीटें चाहिए
भाजपा के 370 सीटों के दावो पर प्रशांत किशोर ने कहा, "जो लोग राजनीति करते हैं, वो अगर भाजपा को 290, 295 या 280 सीटें आ जाएं, वो कल को कह सकते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 370 का दावा किया था, वो तो आईं नहीं, सिर्फ 280 या 285 सीटें आईं. वहीं अगर 300 से ज्यादा सीटें आ जाती हैं, तो भाजपा के नेता कहेंगे कि हमें पिछली बार से ज्यादा जनता का आशीर्वाद मिला है. हालांकि, ये बहस का मामला है, लेकिन संवैधानिक नजरिए से सरकार बनाने के लिए 272 सीटें चाहिए. जिस किसी दल या गठबंधन को 272 सीटें आएंगी, वो सरकार बनाएगा. मान लीजिए कि कल भाजपा को 272 या 275 सीटें मिलती हैं, तो ऐसा नहीं हो सकता कि भाजपा के नेता कहेंगे कि हमने 400 सीटों का दावा किया था, वो आया नहीं, इसलिए हम सरकार नहीं बनाएंगे. दरअसल, भाजपा ने 400 पार का नारा देकर विपक्षी दलों को फंसाया है."
विपक्ष की बेवकूफी समझ लें या उनकी कमजोरी...
विपक्ष के भाजपा के जाल में फंसने को लेकर प्रशांत किशोर ने कहा, "2014 में एनडीए से इतनी उम्मीदें नहीं थीं, क्योंकि तब तक गठबंधन की सरकारें थीं. लेकिन 2024 का मामला थोड़ा उलट है, क्योंकि इस लोकसभा चुनाव की शुरुआत ही लोगों ने बड़ी उम्मीद के साथ की थी. क्योंकि 2 बार की बहुमत की सरकार है. प्रधानमंत्री मोदी ने संसद में खड़े होकर खुद कहा कि 370 सीटें आ रही हैं. वहीं, पिछले 3-4 महीनों से जो पूरीचर्चा का विषय रहा है, वो 370 और 400 पार रहा है. इसे आप बीजेपी की रणनीति समझ लें, विपक्ष की बेवकूफी समझ लें या उनकी कमजोरी के तौर पर देख लें. दरअसल, हुआ यह है कि पूरा गोल पोस्ट जो है उसे भाजपा और पीएम मोदी ने 272 से शिफ्ट करके 370 कर दिया है. इसलिए सारी चर्चा इस पर ही हो रहा है कि भाजपा को 370 सीटें आ रही हैं या नहीं? इसलिए लोगों का आकलन इसी के इर्दगिर्द घूम रहा है कि भाजपा को 370 सीटें आएंगी या नहीं और 272 की कोई बात ही नहीं कर रहा है. कांग्रेस भी भाजपा के इस जाल में फंस गई."
पीएम मोदी को देना चाहिए क्रैडिट
प्रशांत किशोर ने मुस्कुराते हुए कहा, "मैं फिर कहूंगा कि बेहद समझदारी से... हमें इसके लिए भाजपा और पीएम मोदी को क्रैडिट देना चाहिए कि उन्होंने वो बार ही शिफ्ट कर दिया, चर्चा के विषय को 272 से 370 कर दिया, इसका उनको एक तरीके से फायदा है, क्योंकि कोई ये कह ही नहीं रहा है कि मोदी जी हार रहे हैं. सब यही कह रहे हैं कि 370 नहीं आ रहा है. अरे भाई, 320 सीटें भी आएंगी, तब भी तो सरकार उन्हीं की बनेगी. मौजूदा सरकार के खिलाफ बेहद ज्यादा नाराजगी न होना और कोई बेहतर विकल्प का ना होने के कारण मुझे नहीं लगता कि कोई अमूलचूल परिवर्तन चुनावों के परिणामों में देखने को मिलेगा. इसलिए मेरा मानना है कि चुनावों के परिणाम मोदी सरकार के पक्ष में ही आने जा रहे हैं"
BJP सरकार की हो रही वापसी
देश में इस बार किसकी सरकार...? इस सवाल के जवाब में प्रशांत किशोर ने कहा, "मेरा मानना है कि आप किसी भी तरह से चुनाव का आकलन कर लें, ऐसा लग रहा है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार की वापसी देश में होने जा रही है. आंकड़ों को लेकर चर्चा हो सकती है, मतभिन्नता हो सकता है, लेकिन मोटे तौर पर करीब-करीब ये बात दिख रही है. इस समय जो सरकार है, उसे पिछले लोकसभा में जिस तरह के नंबर मिले, लगभग उन्हीं नंबर या उससे थोड़े बेहतर नंबर के साथ सरकार वापसी कर सकती है."
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