उम्मीद है मोदी सरकार ने भविष्य के लिए कुछ सबक सीखा है: कृषि कानून रद्द होने पर सोनिया गांधी

कांग्रेस प्रमुख ने एमएसपी के महत्व पर जोर दिया. जिसके लिए किसानों ने कानूनों को खत्म करने के अलावा कानूनी गारंटी की मांग की है.

विज्ञापन
Read Time: 15 mins
उन्होंने कहा कि भारत सरकार के अनुसार, किसान की औसत आय घटकर ₹27 प्रति दिन हो गई है
नई दिल्ली:

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने शुक्रवार की रात को मोदी सरकार (Modi Government) के तीन विवादास्पद कृषि कानूनों (Farm Bills) को रद्द करने के फैसले की सराहना करते हुए इसे "62 करोड़ किसानों और खेत मजदूरों व 700 से अधिक किसान परिवारों के बलिदान के संघर्ष और इच्छाशक्ति की जीत बताया". उन्होंने "किसान विरोधी, मजदूर विरोधी साजिश और तानाशाह शासकों के अहंकार" की आलोचना करार देते हुए कहा कि कृषि विरोधी कानून हार गए हैं और अन्नदाता (किसान) विजयी हुआ है." 

मोदी सरकार के अड़ियल रवैये की वजह से 700 से ज्यादा किसानों की जान चली गई : असदुद्दीन ओवैसी

उन्होंने कहा कि लगभग 12 महीने के गांधीवादी आंदोलन के बाद आज 62 करोड़ किसानों और खेतिहर मजदूरों के संघर्ष और इच्छाशक्ति की जीत है. 700 से अधिक किसान परिवारों के बलिदान का भुगतान किया गया है. आज सत्य, न्याय और अहिंसा की जीत है. आज सत्ता में बैठे लोगों द्वारा रचे गए किसान विरोधी, मजदूर विरोधी षडयंत्र और तानाशाह शासकों के अहंकार को भी पराजित किया गया है. आज, तीन कृषि विरोधी कानून हार गए हैं और अन्नदाता विजयी हुआ है.

कांग्रेस प्रमुख ने एमएसपी के महत्व पर जोर दिया. जिसके लिए किसानों ने कानूनों को खत्म करने के अलावा कानूनी गारंटी की मांग की है.

उन्होंने कहा कि भारत सरकार के अनुसार, किसान की औसत आय घटकर ₹27 प्रति दिन हो गई है और औसत कर्ज का बोझ ₹74,000 है. सरकार को फिर से सोचने की जरूरत है कि किसानों को उचित मूल्य कैसे मिल सकता है. इसके लिए एमएसपी जरूरी है. 

"देर आए दुरुस्त आए", कृषि ​कानून वापसी पर बोले मेघालय के गवर्नर सत्यपाल मलिक

कानूनों का विरोध कर रहे किसानों ने सरकार के फैसले का स्वागत किया है, लेकिन आंदोलन खत्म करने के लिए उन्होंने पहले एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी की मांग की है. उन्होंने आशंका व्यक्त की थी कि एमएसपी को (रद्द होने वाले) कानूनों में से एक के तहत खत्म कर दिया जाएगा, जिसे सरकार ने नकार दिया था.

Advertisement

सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा पर भी कटाक्ष किया और कहा कि लोकतंत्र में कोई भी निर्णय सभी के साथ चर्चा करने, प्रभावित लोगों की सहमति और विपक्ष के परामर्श के बाद ही लिया जाना चाहिए. उम्मीद है कि मोदी सरकार ने भविष्य के लिए कम से कम कुछ सबक सीखा है."

रवीश कुमार का प्राइम टाइम : प्रधानमंत्री जी, तपस्या आपने नहीं; किसानों ने की है

Advertisement
Featured Video Of The Day
कैसे हुई 6 युवाओं की दर्दनाक मौत Police ने बताई सच्चाई ONGC Chowk
Topics mentioned in this article