नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित करने का सरकार का फैसला पिछड़े और दलित समुदायों से जुड़े करोड़ों गरीब लोगों का सम्मान है. केंद्र सरकार ने दो बार बिहार के मुख्यमंत्री रहे कर्पूरी ठाकुर को मंगलवार को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित करने की घोषणा की.
मोदी सरकार में 27 मंत्रियों के अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदायों से होने का उल्लेख करते हुए शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ओबीसी के विकास के पुरजोर समर्थक रहे हैं. कर्पूरी ठाकुर के जन्म शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने ओबीसी की सूची संशोधित की है, राज्यों को उनकी अपनी ओबीसी सूची तैयार करने के अधिकार दिए हैं, आईआईटी और आईआईएम संस्थानों में तथा पेट्रोल पंपों के आवंटन में भी ओबीसी को आरक्षण दिया है.
अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का उल्लेख करते हुए शाह ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदीजी ने 22 जनवरी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के साथ 500 सालों के इंतजार को खत्म किया और अगले ही दिन 23 जनवरी को उन्होंने कर्पूरी ठाकुर जी को भारत रत्न देने का फैसला करके गरीबों के लिए एक अच्छे काम को पूरा किया.''
गृह मंत्री ने कहा कि ठाकुर ने प्रशासन और शिक्षा क्षेत्र में हिंदी को बढ़ावा देने के लिए काम किया था और अब मोदी सरकार नई शिक्षा नीति के तहत स्थानीय भाषाओं को प्रोत्साहित कर रही है. उन्होंने कहा कि ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित करने की घोषणा करके प्रधानमंत्री ने करोड़ों गरीबों को सम्मान और न्याय दिया है.
गृह मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार गरीबों और पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए गंभीरता से काम कर रही है. शाह ने कहा कि सरकार ने पिछले 10 वर्षों में तीन करोड़ लोगों को बिजली कनेक्शन दिए हैं, 10 करोड़ लोगों को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन दिए हैं, 14 करोड़ लोगों तक नल से जल पहुंचाया है और 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज दे रही है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)