जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ पूरी सक्रियता और समन्वय के साथ चलाएं अभियान, अमित शाह ने दिए निर्देश

गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के हालात की समीक्षा के दौरान ये निर्देश दिए हैं. गृह मंत्रालय ने इसके बारे में जानकारी दी.

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नई दिल्ली:

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आतंकवाद के खात्मे के लिए सुरक्षाबलों से पूरे समन्वय और सक्रियता के साथ अभियान चलाने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा है कि आतंकवाद को कुचलने के लिए घुसपैठ पर पूरी तरह रोक लगाना भी जरूरी है. गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के हालात की समीक्षा के दौरान ये निर्देश दिए हैं. गृह मंत्रालय ने इसके बारे में जानकारी दी.शाह ने सुरक्षाबलों से शांतिपूर्ण और समृद्ध जम्मू-कश्मीर का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना पूरा करने का आह्वान भी किया है. गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि गृह मंत्री ने कहा कि सुरक्षाबल घुसपैठ को शू्न्य के स्तर पर लाएं ताकि आतंकवाद को पूरी तरह खत्म किया जा सके. केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के सुरक्षा हालातों की समीक्षा को लेकर एक उच्चस्तरीय बैठक में उन्होंने ये निर्देश दिए.

घाटी में गैर कश्मीरियों की हत्या की घटनाएं हुई हैं

केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के सुरक्षा हालातों की समीक्षा को लेकर एक उच्चस्तरीय बैठक में उन्होंने ये निर्देश दिए. ये बैठक ऐसे वक्त हुई है, जब हाल ही में कश्मीर के वडगाम जिले में राहुल भट्ट नाम के कश्मीरी पंडित की आतंकवादियों ने हत्या की है. इसके पहले भी आतंकवादियों ने सुनियोजित तरीके से कई प्रवासियों को निशाना बनाया है. जम्मू-कश्मीर में इस बार दो साल के अंतराल के बाद अमरनाथ यात्रा भी हो रही है. जो 30 जून से प्रस्तावित है. इसको लेकर भी तमाम सुरक्षा इंतजामों की समीक्षा की गई.

शाह ने सुरक्षाबलों और पुलिस से समन्वय के साथ आतंकवाद विरोधी अभियानों को आगे बढ़ाने का निर्देश दिया. इस बैठक में लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ जनरल मनोज पांडे और अन्य अधिकारी इस बैठक में शामिल हुए. साथ ही जम्मू-कश्मीर प्रशासन के अधिकारी भी इसमें थे. 

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर में मौजूदा स्थिति का आकलन करने के लिए सुरक्षा प्रतिष्ठान के शीर्ष अधिकारियों के साथ मंगलवार को लगातार तीन बैठकें की हैं. हाल में घाटी में आम नागरिकों की हत्या की घटनाओं और अमरनाथ यात्रा को लेकर इन बैठकों में चर्चा की गई. अमरनाथ यात्रा के लिए जम्मू कश्मीर प्रशासन अब प्रत्येक तीर्थयात्री को ‘रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन कार्ड' (RFID) प्रदान करेगा. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बाद में जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव के हवाले से बताया कि प्रत्येक तीर्थयात्री को आरएफआईडी प्रदान किया जाएगा और पांच लाख रुपये का बीमा किया जाएगा.

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शाह ने कहा कि तीर्थयात्रियों के लिए बिना किसी परेशानी के यात्रा संपन्न कराना केंद्र सरकार की प्राथमिकता है. उन्होंने निर्देश दिया कि अतिरिक्त बिजली, पानी और दूरसंचार सुविधाओं सहित सभी व्यवस्था की जाए. गृह मंत्री ने यात्रा मार्ग पर मोबाइल कनेक्टिविटी बढ़ाने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के बाद यह पहली यात्रा है और ऊंचाई अधिक होने के कारण जिन यात्रियों को स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या है, उनके लिए पर्याप्त व्यवस्था करनी होगी.

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यह यात्रा 3,888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित गुफा मंदिर तक की जाती है, जो भगवान शिव को समर्पित है. वार्षिक अमरनाथ यात्रा 2020 और 2021 में कोरोना वायरस महामारी के कारण नहीं हो सकी थी। साल 2019 में, अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को निरस्त करने से ठीक पहले इसकी अवधि घटा दी गई थी. यात्रा के दो मार्गों पर अर्धसैनिक बलों के कम से कम 12  हजार जवानों के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर पुलिस के हजारों कर्मियों को भी तैनात किए जाने की तैयारी है. तीर्थयात्रा का एक मार्ग पहलगाम से और दूसरा बालटाल होते हुए है. ड्रोन कैमरों के जरिये निगरानी की जाएगी. 

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