चीन के नए वायरस से दुनियाभर में दहशत, भारत भी सतर्क, जानें कैसे फैलता है एचएमपीवी

चार साल बाद एक बार फिर एक खतरनाक वायरस दुनिया में दहशत पैदा कर रहा है. इस वायरस का कनेक्शन भी चीन से है ऐसा कहा जाने लगा है. भारत समेत सभी देश चीन की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं. WHO ने भी चीन से स्थिति की पूरी जानकारी मांगी है.

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एचएमपीपी वायरस आमतौर पर खांसने और छींकने से ज्‍यादा फैलता है...
नई दिल्‍ली:

चीन के नए वायरस को लेकर दुनियाभर में दहशत का माहौल है. हर किसी के जेहन में बस एक ही डर है कि कहीं कोरोना वायरस संक्रमण की तरह ये भी तो जानलेवा नहीं है? सांसों पर आफत का सबब बनने वाले इस वायरल का नाम एचएमपीवी (ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस ) है. कहा जा रहा है कि इस वायरस की कोई वैक्‍सीन नहीं है. भारत में भी इस वायरस से लोग डरे हुए हैं. कोरोना का दौर याद आने लगा है. विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO) ने इस चीन से इस वायरस के बारे में जानकारी मांगी है. हालांकि, चीन का कहना है कि वहां स्थिति सामान्‍य है और डरने की बात नहीं है. 

क्‍या है एचएमपीवी

चीन का नया वायरस ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस, जिसे एचएमपीवी के नाम से भी जाना जाता है, एक प्रकार का सामान्य श्वसन वायरस है, जो सभी उम्र के लोगों में फैल सकता है. इस वायरस का ज्यादा असर बुजुर्गों और छोटे बच्चों पर होने की आशंका है. वायरस से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में अगर आप आते हैं तो आप भी इस वायरस से संक्रमित हो सकते हैं. इसके कुछ आम से लक्षण हैं- जैसे नाक बहना, गले में खराश, सिरदर्द, थकान, खांसी, बुखार या फिर ठंड लगने लगती है.

कैसे फैलता है... आप कैसे बचें?

  • एचएमपीपी वायरस आमतौर पर खांसने और छींकने से ज्‍यादा फैलता है. 
  • इसके अलावा इस वायरस से संक्रमित व्‍यक्ति के छूने या हाथ मिलने से भी यह तेजी से फैलता है. 
  • संक्रमित होने के बाद 5 दिनों में इसके लक्षण दिखने लगते हैं. 
  • एक्‍सपर्ट का कहना है कि यह वायरस हमेशा से रहता है, लेकिन ठंड के मौसम में ये एक्टिव ज्‍यादा हो जाता है. लोगों को तेजी से अपनी गिरफ्त में लेता है.
  • घर से बाहर निकलने से पहले मास्‍क लगाएं, क्‍योंकि यह खांसी-जुकाम के जरिए एक से दूसरे में फैलता है. 
  • संक्रमित व्‍यक्ति से हाथ न मिलाएं और घर आने के बाद हाथ अच्‍छी तरह साफ करें. 
  • डॉक्‍टर की सलाह लिये बिना, कोई दवा न लें. 
  • भीड़भाड़ वाली जगह पर जाने से बचें, क्‍योंकि यहां संक्रमण तेजी से फैलता है.
  • HMPV वायरस की अभी कोई वैक्‍सीन नहीं है.  

भारत भी सतर्क, जानें क्‍या तैयारी?

चीन में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के प्रकोप की हाल की खबरों के मद्देनजर, भारत सभी उपलब्ध माध्यम से स्थिति पर कड़ी नजर रख रहा है और डब्ल्यूएचओ से समय पर संक्रमण की जानकारी साझा करने का भी अनुरोध किया है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि एहतियाती उपाय के तहत एचएमपीवी मामलों की जांच करने वाली प्रयोगशालाओं की संख्या बढ़ाई जाएगी और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) पूरे वर्ष एचएमपीवी के रुझानों की निगरानी करेगी. मंत्रालय ने बताया कि स्थिति पर चर्चा के लिए शनिवार को यहां स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय की अध्यक्षता में संयुक्त निगरानी समूह (जेएमजी) की बैठक आयोजित की गई. बैठक में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ), आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ, एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी), राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी), भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर), आपातकालीन चिकित्सा राहत (ईएमआर) प्रभाग और एम्स-दिल्ली सहित अस्पतालों के विशेषज्ञों ने भाग लिया. मंत्रालय ने कहा कि विस्तृत चर्चा के बाद तथा वर्तमान में उपलब्ध जानकारी के आधार पर इस बात पर सहमति बनी कि चल रहे फ्लू के मौसम को देखते हुए चीन में स्थिति असामान्य नहीं है.

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चीन ने कहा- सबकुछ सामान्‍य, आ सकते हैं विदेशी

चीन ने फ्लू की मौजूदा स्थिति को सामान्‍य बताया है. चीन ने बड़े पैमाने पर फ्लू के प्रकोप संबंधी खबरों को अधिक तवज्जो नहीं देते हुए शुक्रवार को कहा कि सर्दियों के दौरान होने वाली श्वसन संबंधी बीमारियों के मामले पिछले साल की तुलना में इस वर्ष कम गंभीर हैं. चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि विदेशियों के लिए चीन की यात्रा करना सुरक्षित है. मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने देश में ‘इन्फ्लूएंजा ए' और अन्य श्वसन रोगों के फैलने को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में पत्रकारों से कहा, 'सर्दियों के मौसम में श्वसन संक्रमण चरम पर होता है.'

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चीन में पड़ रही कड़ाके की ठंड

सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो में चीन के अस्पतालों में मरीजों की भारी भीड़ दिख रही है. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता निंग ने कहा, 'पिछले वर्ष की तुलना में ये बीमारियां कम गंभीर प्रतीत होती हैं और छोटे स्तर पर फैल रही हैं. उन्होंने कहा, 'मैं आपको आश्वस्त कर सकती हूं कि चीन सरकार चीनी नागरिकों और विदेशियों के स्वास्थ्य की परवाह करती है. चीन में यात्रा करना सुरक्षित है.' पिछले कुछ दिनों से विदेश में, खासकर भारत और इंडोनेशिया में चीन में बड़े पैमाने पर फ्लू फैलने की खबरें आ रही हैं. चीन में लोगों को पिछले कुछ महीनों से कड़ाके की ठंड का सामना करना पड़ रहा है, जिससे सर्दी-जुकाम के मामले काफी बढ़ गए हैं. 

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केरल, तेलंगाना स्थिति पर रख रहे नजर

भारत में कोरोना वायरस के मामले सबसे पहले केरल में सामने आए थे. केरल और तेलंगाना की सरकारों ने शनिवार को कहा कि चीन में वायरल बुखार और श्वसन संक्रमण के बड़े पैमाने पर मामले आने की खबरों पर वे बारीकी से नजर रख हुए है और फिलहाल घबराने की कोई जरूरत नहीं है. केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने फेसबुक पर एक पोस्ट में कहा कि चीन में सामने आये किसी भी वायरस के बारे में अब तक ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली है, जिसमें इसके महामारी का रूप लेने या अन्य क्षेत्रों में तेजी से फैल सकने की बात कही गई हो. उन्होंने कहा कि मलयाली लोग दुनिया के सभी हिस्सों में हैं और चीन समेत अन्य देशों के प्रवासी अक्सर राज्य में आते हैं, इसलिए अतिरिक्त सावधानी बरती जानी चाहिए. जॉर्ज ने कहा, 'हम चीन में स्थिति पर नजर रख रहे हैं, यदि किसी ऐसे प्रकोप का पता चलता है जिसके अन्य क्षेत्रों में फैलने का खतरा है, तो हम इसके प्रसार को बहुत जल्द रोक सकते है.' तेलंगाना के जन स्वास्थ्य निदेशक बी रविंदर नायक ने एक बयान में कहा कि राज्य में अब तक ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) का कोई मामला सामने नहीं आया है. स्वास्थ्य विभाग ने राज्य में प्रचलित श्वसन संक्रमण के आंकड़ों का विश्लेषण किया और पाया कि दिसंबर 2024 में एक साल पहले इसी महीने की तुलना में कोई उल्लेखनीय वृद्धि नहीं हुई है.

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