- हिमाचल प्रदेश में बादल फटने और भारी बारिश से मंडी में भारी तबाही हुई है
- अभी तक 78 लोगों की मौत हुई और 37 लोग लापता हैं
- एनडीआरएफ की टीम लापता लोगों की खोज में जुटी हुई है
- मौसम विभाग ने सिरमौर, कांगड़ा और मंडी के लिए फिर से रेड अलर्ट जारी किया है
हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में बीते दिनों बादल फटने और तेज बारिश आने के कारण भारी तबाही मची है. इसका सबसे ज्यादा असर मंडी में देखने को मिला है. इतना ही नहीं बारिश के कारण मची तबाही में 78 लोगों की मौत हो गई और 37 लोग लापता हो गए. वहीं अभी भी 115 लोग घायल हैं.
ऐसे में लापता लोगों को ढूंढने के लिए एनडीआरएफ की टीम काम कर रही है. यहां आपको ये भी बता दें कि सिरमौर, कांगड़ा और मंडी में एक बार फिर मौसम विभाग ने बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है.
मंडी में जो तबाही हुई उसका असर थुनांग कस्बे में भी देखा गया और यहां मौजूद इकलौता हिमाचल को-ऑरपरेटिव बैंक भी तबाह हो गया. इस बैंक में रोजाना लोग लाखों रुपये जमा कराए जाते थे, लॉकर में लोगों के गहने रखे हुए थे. दो मंजिला हिमाचल को-ऑपरेटिव बैंक की पहली मंजिल पूरी तरह तबाह हो चुकी है.
सैकड़ों टन मलबे के बीच फंसी इस बिल्डिंग के अंदर करोड़ों रुपए और लाखों के गहने किस हाल में हैं पता नहीं है. नाम न छापने की शर्त पर बैंक के एक कर्मचारी ने बताया कि अंदर कितने पैसे थे इसका अंदाजा लगा पाना फिलहाल मुश्किल है लेकिन लॉकर को कितना नुकसान हुआ है ये मलबा हटने के बाह दी पता चलेगा.
कोई स्थानीय लोग जिनकी जमा पूंजी लॉकर में है वो उसकी रखवाली कर रहे हैं क्योंकि इस प्राकृतिक आपदा में कई चोर भी सक्रिय हो गए हैं जो लोगों की पानी के साथ बहे कीमती सामान पर हाथ साफ कर रहे हैं.
हिमाचल को-ऑपरेटिव बैंक के पहली मंजिल में पानी और मलबा भरा हुआ है. पानी का बहाव इतना ज्यादा था कि एक तरफ का शटर उखड़ गया जबकि दो शटर टेढ़े हो गए हैं. बैंक के मैनेजर बैंक के बाहर नुकसान का अंदाजा लगा रहे हैं.
बैंक थुनांग बाजार के बीच में था इसलिए बाजार के करीब डेढ़ सौ व्यापारियों के यहां खाते थे और उनका लेनदेन होता था.
स्थानीय व्यापारी हरि मोहन ने बताया कि आठ हजार की आबादी वाले इस कस्बे का यही बैंक था जो पुराना था और काफी लेन देन होता था लेकिन फिलहाल बैंक में रखी नगदी दस्तावेज और लॉकर सब मलबे में तब्दील हो चुके हैं.