हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में 17 पर्वतारोही लापता हो गए हैं. ये जानकारी वरिष्ठ अधिकारी ने दी. उन्होंने कहा कि ट्रेकर्स 14 अक्टूबर को उत्तराखंड के उत्तरकाशी से सटे हिमाचल प्रदेश के किन्नौर के चितकुल के लिए हर्षिल से निकले थे, लेकिन 17 से 19 अक्टूबर तक खराब मौसम के दौरान वे लमखागा दर्रे से लापता हो गए. लमखागा दर्रा सबसे खतरनाक दर्रों में से एक है, जो किन्नौर जिले को उत्तराखंड के हर्षिल से जोड़ता है. किन्नौर के डिप्टी कमीश्नर आबिद हुसैन सादिक ने कहा कि पुलिस और वन विभाग की टीमों और त्वरित प्रतिक्रिया दल को मौके पर भेजा गया है. अधिकारी ने कहा कि उनकी तलाशी के लिए भारत-तिब्बत सीमा पुलिस की भी मदद मांगी गई है. उन्होंने बताया कि गुरुवार तड़के तलाशी अभियान शुरू किया गया है.
बता दें कि उत्तराखंड में भारी बारिश और बाढ़ से ज़बरदस्त तबाही मची हुई है. अब तक 52 लोगों की मौत हो गई है. NDRF के आईजी अमरेंद्रसिंह सेंगर ने NDTV से कहा कि तकरीबन 4000 गांव बाढ़ में बुरी तरह से घिरे. गृह मंत्री आज प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे. अल्मोड़ा और रानीखेत के इलाके भूस्खलन के बाद बाहर के इलाक़ों से अब भी कटे हुए हैं, बारिश रुक गई है लेकिन बचाव की चुनौती बची हुई है. उत्तराखंड में अब लापता लोगों की तलाश तेज़ की गई है. बुधवार को नैनीताल ज़िले के तल्ला रामगढ में दो लोगों के शव मिले. अब भी जिन इलाकों में भारी भूस्खलन हुआ है. वहां कई लोग लापता हैं, जिनकी तलाश चल रही है.