- हिमाचल हाईकोर्ट ने वन विभाग को आदेश दिए हैं कि अवैध कब्जे पर लगे सेब के बागीचों को हटा दिया जाए.
- वन विभाग का कहना है कि सेब के बागीचे वन भूमि पर अवैध कब्जे के तहत लगाए गए थे, जिन्हें हटाने के लिए कार्रवाई की जा रही है.
- किसानों और बागवान संगठनों ने हाईकोर्ट के इस फैसले का विरोध करते हुए इसे गैर कानूनी और किसानों के खिलाफ बताया है.
हिमाचल प्रदेश में 6 हजार करोड़ की सेब किसानी बागवानी पर आजकल हिमाचल हाईकोर्ट की कैंची चल रही है. दरअसल हिमाचल हाईकोर्ट ने वन विभाग को आदेश दिए हैं, जिसके तहत सेब के बागीचों को काटने का विभाग ने अभियान चलाया है. इस फैसले का हिमाचल के किसानों, बागवान संगठन हाईकोर्ट के फैसले का विरोध कर रहे हैं. इस फैसले को गैर कानूनी बता रहे हैं, वहीं हिमाचल की सरकार भी एक्शन में दिखाई दे रही है. वो हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ले जाने की बात कह रही है.
अब तक सेब से लदे 3,659 पेड़ों को काटा गया
वन भूमि पर कब्जे की ये कार्रवाई शिमला जिले से शुरू हुईं है. विभाग का कहना है कि वन भूमि पर कब्जा करने के बाद लोगों ने उस पर सेब के बागीचे लगा दिए. इसके बाद अब हाईकोर्ट के आदेश पर वन विभाग इन अवैध कब्जों को हटाने की ड्राइव चला रहा है. अब तक सेब से लदे 3,659 पेड़ों को काटा जा चुका है. वहीं, हिमाचल प्रदेश सेब किसान के अध्यक्ष सोहन लाल का कहना है कि, 'हाईकोर्ट की कारवाई सेब किसानों और बागवानों विरोधी है.' उन्होंने सरकार के रवैये पर भी सवाल खड़े किए हैं.
किसानों ने फैसले को बताया गैर कानूनी
इन सभी के अलावा हिमाचल प्रदेश किसान सभा भी हाईकोर्ट के फैसले को गैर कानूनी बता रहा है. हिमाचल प्रदेश किसान सभा के राज्य सचिव पूर्व विधायक राकेश सिंघा का कहना है कि, 'ये किसानों को उजाड़ने का काम है. इसमें प्रदेश सरकार भी जिम्मेदार है, आपदा के वक्त कोर्ट का ये फैसला गैर कानूनी है.
हिमाचल सरकार ने कहा, हम जाएंगे सुप्रीम कोर्ट
हिमाचल प्रदेश में सेब के पेड़ों, बागानों पर प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश के बाद सरकार के बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि, 'ये फॉरेस्ट कंजर्वेशन एक्ट के तहत का मामला नही है. ये वन भूमि पर गैर कानूनी कब्जा है, जिसमे सेब के पेड़ों का कटान हो रहा है.' सरकार की तरफ से एडवोकेट जनरल ने हाईकोर्ट में पक्ष रखा, लेकिन हाईकोर्ट ने सरकार का तर्क नही माना. मामले पर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सूक्खु ने कहा कि, 'सेब के पेड़ों को काटना गलत है. इस मामले में हाईकोर्ट हमे नहीं सुन रहा. हम सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे है.'
हिमाचल प्रदेश में सेब की बागवानी का 6 हजार करोड़ का कारोबार है और हिमाचल की जीडीपी का 13% हिस्सा है. ये पूरा मामला सियासी तौर पर भी गर्मा गया है. अहम बात है अकेले एक गांव मे 13 परिवारों ने वन विभाग की करीब 2800 बीघा जमीन पर कब्जा किया है. पूरे हिमाचल प्रदेश में, हाईकोर्ट के आदेशों के बाद ही ये अवैध कब्जे हटाए जा रहे हैं.