हिमाचल प्रदेश में मंडी संसदीय क्षेत्र के लिए आज हुए मतदान में 15,256 फीट की ऊंचाई पर दुनिया के सबसे ऊंचे मतदान केंद्र ताशीगंग में 100% वोटिंग दर्ज की गई. हिमाचल प्रदेश में एक प्राचीन मठ के पास ताशीगंग गांव, भारत-तिब्बत सीमा के पास स्पीति घाटी में केवल 47 पंजीकृत मतदाताओं के साथ सबसे ऊंची बस्ती है.
अधिकारियों ने कहा कि तापमान शून्य से माइनस 16 डिग्री नीचे गिरने के बावजूद उत्साही मतदाता अपने पारंपरिक परिधान में मतदान केंद्र पर आए. यहां तक कि पीठासीन अधिकारी और मतदान अधिकारी भी स्पीति की पारंपरिक पोशाक में दिखे.
अधिकारियों ने कहा कि मतदान केंद्र पर छोटे बच्चों के लिए एक शिशु गृह की व्यवस्था की गई और मतदाताओं के बीच भोजन का वितरण भी किया गया.
ताशीगंग में पहली बार मतदाता बने ताशी चोंजोम ने कहा, "मैं इस गांव से हूं. हम सब को मतदान करना चाहिए. मुझे बहुत खुशी है कि मैंने मतदान करके लोकतंत्र में अपनी भूमिका निभाई है."
गांव लोबजंग के ईशे भी पहली बार मतदान के लिए गए थे. उन्होंने कहा, "मतदान बहुत महत्वपूर्ण है और लोकतंत्र का आधार है."
अधिकारियों के अनुसार 2017 के राज्य विधानसभा चुनावों के दौरान इस मतदान केंद्र को दुनिया के सबसे ऊंचाई वाले मतदान केंद्र के रूप में गौरव प्राप्त हुआ.
स्वतंत्र भारत के पहले मतदाता 104 वर्षीय श्याम सरन नेगी ने भी राज्य के किन्नौर जिले में मंडी संसदीय उपचुनाव में अपना वोट डाला.
दो बार के भाजपा सांसद स्वरूप शर्मा के निधन के कारण लोकसभा सीट पर उपचुनाव कराना पड़ा. हिमाचल प्रदेश के तीन विधानसभा क्षेत्रों फतेहपुर, अर्की और जुब्बल-कोटखाई के लिए भी उपचुनाव आज हुए.
मंडी में कारगिल युद्ध के नायक सत्तारूढ़ भाजपा के ब्रिगेडियर खुशाल सिंह ठाकुर और पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी कांग्रेस उम्मीदवार प्रतिभा सिंह के बीच एक करीबी चुनावी मुकाबला होने की उम्मीद है.
मंडी में राष्ट्रीय लोकनीति पार्टी की अंबिका श्याम, हिमाचल जनक्रांति पार्टी के मुंशी राम ठाकुर और निर्दलीय अनिल कुमार और सुभाष मोहन स्नेही समेत छह उम्मीदवार मैदान में हैं.
मंडी लोकसभा सीट और विधानसभा की तीन सीटों के लिए वोटों की गिनती 2 नवंबर को होगी.