Ground Report: भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में 1893 के बाद सबसे ज्यादा बारिश, जानिए क्या हैं हालात 

बारिश अगर न हो तो जिंदगी थम सी जाती है. अगर ज्यादा हो तो जीना मुश्किल कर देती है. भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में बारिश ने अभी से तेवर दिखाना शुरू कर दिया है.

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पूर्वोत्तर में जून का पहला दिन पहले ही बाढ़ लेकर आया है. सिलचर में 24 घंटे में 415.8 मिमी बारिश हुई, जो कि एक दिन में हुई सबसे अधिक बारिश है, जिसने 1893 में 290.3 मिमी बारिश के 132 साल पुराने रिकॉर्ड को तोड़ दिया. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, ऊपरी हवा में चक्रवाती परिसंचरण और निम्न-स्तरीय गर्तों का संयोजन अस्थिर मौसम पैटर्न को बढ़ावा दे रहा है. गतिविधि का एक विशेष रूप से तीव्र क्षेत्र मध्य असम से अरुणाचल प्रदेश तक फैला हुआ है, जो पूर्वी उत्तर प्रदेश से फैली एक गर्त से जुड़ा हुआ है.

2022 की सिलचर बाढ़ सुर्खियों में थी, जिसका कारण बेथकुंडी में बराक नदी का बांध टूटना था. बांध से सिर्फ़ 1 किमी दूर स्थित सिलचर शहर सबसे ज़्यादा प्रभावित हुआ, जहां शहर का 90 प्रतिशत हिस्सा पानी में डूब गया.

31 मई को मिज़ोरम में सामान्य से 1102 प्रतिशत अधिक बारिश हुई थी.

मेघालय में पिछले पांच दिनों में, 28 मई से 1 जून 2025 तक भारी बारिश दर्ज की गई है. कई जिलों में काफी बारिश हुई है, जिसमें सोहरा (चेरापूंजी) और मौसिनराम में क्रमशः 796 मिमी और 774.5 मिमी बारिश हुई है. खलीहरियात, आरकेएम सोहरा और पिनुरसला सहित अन्य क्षेत्रों में भी पर्याप्त वर्षा हुई है, जो कुल मिलाकर 500 मिमी से अधिक है.

रामकृष्ण मिशन सोहरा (आरकेएम) सोहरा में 30 मई को सबसे अधिक एकल-दिन की बारिश दर्ज की गई, जिसमें 378.4 मिमी बारिश हुई, जिससे पांच दिनों में कुल 993.6 मिमी बारिश हुई. इसी तरह, मौसिनराम और पिनुरसला में 30 मई को सबसे अधिक बारिश हुई, जिसमें एक ही दिन में 250 मिमी से अधिक बारिश हुई.

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