"एक फीसद भी सच, तब भी वो 100% शर्मनाक" : संदेशखालि पर बंगाल सरकार को HC की फटकार

हाईकोर्ट ने कहा कि पश्चिम बंगाल कहता है कि यह महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित है? अगर एक हलफनामा सही साबित होता है तो भी यह सब गलत है.

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नई दिल्ली:

बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार को गुरुवार को कोलकाता हाईकोर्ट (Kolkata High Court) ने जमकर फटकार लगायी. संदेशखालि की घटना पर दायर हलफनामें पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम की अगुवाई वाली पीठ ने बंगाल सरकार से कहा कि अगर आरोपी शांहजहां शेख पर आरोप सही साबित हुए तो आप जवाबदेही से बच नहीं सकते हैं. अदालत ने कहा कि भले ही एक हलफनामा ही सही साबित हो लेकिन यह शर्मनाक है. अगर एक फीसदी भी सच है तो यह बिल्कुल शर्मनाक है. पश्चिम बंगाल कहता है कि यह महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित है? अगर एक हलफनामा सही साबित होता है तो भी यह सब गलत है." , "पूरे जिला प्रशासन और सत्ताधारी दल की 100 फीसदी नैतिक जिम्मेदारी है."

हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि (55) दिन आप भागे हुए थे... लुका-छिपी खेल रहे थे. फिर आपने अस्पष्ट रुख अपना लिया. अदालत ने कहा कि दुनिया में अंधेरा नहीं हो जाता है कि अगर आप आपनी आंखें बंद कर लेतें हैं तो.

पिछली सुनवाई में अदालत ने बंगाल पुलिस को "पूरी तरह से पक्षपाती" माना था और शेख शाहजहां के खिलाफ आरोपों की "निष्पक्ष, ईमानदार और पूर्ण जांच" करने को कहा था. इसमें कहा गया था कि सीबीआई को जांच सौंपे जाने के लिए इसके अलावा कोई और अन्य मामला नहीं हो सकता है. 

प्रियंका टिबरेवाल ने पीड़ितों का रखा पक्ष
अदालत में याचिकाकर्ताओं की ओर से बहस करते हुए भाजपा नेता प्रियंका टिबरेवाल ने उन शिकायतों को दर्ज करने में कई लोगों को होने वाली कठिनाई को बताया. उन्होंने कहा कि मैं वहां गई हूं... उनके लिए कोलकाता आना बोझिल है. मैंने उनके लिए इसे आसान बनाने के लिए एक वेबसाइट का सुझाव दिया है," उन्होंने अदालत के जवाब में कहा, "सुझाव एक आयोग बनाने का है जहां लोग संपर्क कर सकते हैं और अपनी शिकायतें व्यक्त कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि कमीशन और वेबसाइट दोनों का प्रावधान किया जा सकता है. मैं अकेली गई थी... मैंने देखा है कि कानून का शासन टूट गया है. उन्होंने कहा कि यह  कोई राजनीतिक राय नहीं है.  जमीन भी हड़प ली गई.  यह मानवाधिकारों का उल्लंघन था. 

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टिबरेवाल ने यह भी कहा कि उन्हें कई महिलाओं से शिकायतें मिली हैं, लेकिन बदले की कार्रवाई की चिंताओं के कारण वह उनका नाम बताने से बच रही हैं. उन्होंने दावा किया, "एक महिला थी जो अपने पिता से मिलने गई थी... उसे दिन के उजाले में ले जाया गया और (शेख) शाहजहां और अन्य कार्यकर्ताओं ने उसके साथ बलात्कार किया.  टिबरेवाल के मजबूत तर्कों को सुनने के बाद अदालत ने सरकार की "नैतिक जिम्मेदारी" को लेकर तीखी टिप्पणी की है. 

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टीएमसी पर हमलावर हैं विपक्षी दल
एक अलग घटनाक्रम में, प्रवर्तन निदेशालय ने कहा है कि उसने शेख शाहजहां मामले के सिलसिले में अस्थायी रूप से 12.78 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्ति जब्त की है.गौरतलब है कि संदेशखाली मामले को लेकर तृणमूल कांग्रेस पर विपक्षी दलों की तरफ से लगातार हमले हो रहे हैं.

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