कैंसर से लेकर डायबिटीज तक का इलाज अब हर्बल दवाओं से संभव, BGR-34 जैसे फार्मूलों ने जगाई उम्मीद

एनबीआरआई, सीमैप, आईआईटीआर और सीडीआरआई ने ऐसी हर्बल दवा पेश की जिससे लिवर और ब्लड कैंसर से लेकर फैटी लिवर और डायबिटीज तक का इलाज संभव है.

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कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से लेकर फैटी लीवर और डायबीटीज तक का इलाज अब हर्बल दवाइयां से हो सकता है. ऐसा दावा राजधानी लखनऊ में आयोजित दो दिवसीय सीएसआईआर स्टार्टअप कॉन्क्लेव में किया गया. यहां शोध संस्थान, स्टार्टअप और नीति-निर्माता एक साथ एक मंच पर आए और दिखाया कि कैसे हर्बल दवाएं सामान्य से लेकर घातक बीमारी तक के लिए असरदार साबित हो सकती हैं.

ब्लड कैंसर से फैटी लिवर तक की दवा 

दरअसल, कांन्क्लेव में लखनऊ स्थित सीएसआईआर की तीन प्रयोगशाला एनबीआरआई, सीमैप, आईआईटीआर और सीडीआरआई ने ऐसी हर्बल दवा पेश की जिससे लिवर और ब्लड कैंसर से लेकर फैटी लिवर और डायबिटीज तक का इलाज संभव है. इन कंपनियों ने कुल 13 बड़ी हर्बल दवाओं को पेश किया जिसमें तीन दवा सबसे खास रही. इनमें डायबिटीज के लिए कंट्रोल के लिए बीजीआर-34, ब्लड कैंसर के लिए अर्जुन की छाल से बनी द
पैक्लिटैक्सेल, फैटी लीवर और लीवर कैंसर के लिए बनी पिक्रोलिव दवा शामिल हैं.

विशेषज्ञों की मानें तो भारत की परंपरागत चिकित्सा और आधुनिक विज्ञान का ये मेल अब हर्बल हेल्थकेयर को नई प्रगति पर ले जा रहा है. 

BGR-34 की चर्चा सबसे अधिक 

इस कार्यक्रम में डायबिटीज की दवा बीगीआर -34 की सबसे अधिक चर्चा हुई. क्यूंकि यह दवा न केवल ब्लड शुगर कंट्रोल करती है, बल्कि लंबे समय में डायबिटीज रिवर्सल की दिशा में भी असरदार मानी जा रही है. इसे एनबीआरआई और सीमैप ने मिलकर छह जड़ी-बूटियों (दारुहरिद्रा, गिलोय, विजयसार, गुड़मार, मंजिष्ठा और मेथी) से बनाई है.

'डायबिटीज रिवर्सल पर फोकस'

एमिल फार्मास्युटिकल्स के कार्यकारी निदेशक डॉ. संचित शर्मा ने कहा, “दुनिया अब डायबिटीज कंट्रोल से आगे बढ़कर डायबिटीज रिवर्सल की ओर बढ़ रही है. बीजीआर-34 आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान का मेल है और यह आने वाले समय में डायबिटीज-मुक्त समाज की नींव रख सकता है.”

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने स्टार्टअप्स की प्रशंसा की और कहा वे हर्बल दवाओं को वैश्विक बाजार तक पहुंचाएं. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी प्रदर्शनी का निरीक्षण किया और वैज्ञानिकों को इस दिशा में तेज़ी से काम करने के लिए प्रोत्साहित किया.

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दरअसल, आज दुनिया भर में प्राकृतिक और हर्बल दवाओं की मांग तेजी से बढ़ रही है. एक्सपोर्ट्स का मानना है कि भारत के पास वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित फॉर्मूले हैं, जिनकी मदद से वह वैश्विक बाजार में बड़ी हिस्सेदारी हासिल कर सकता है.

मॉडल भारत को हर्बल हेल्थ केयर में बनाएगा लीडर 

डॉ. संचित शर्मा ने कहा, "यह सिर्फ एक दवा की कहानी नहीं है, बल्कि ऐसा मॉडल है जो भारत को वैश्विक हर्बल हेल्थकेयर में अग्रणी बना सकता है.”

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