झारखंड विधानसभा चुनाव में निर्णायक जीत दर्ज करने के बाद, हेमंत सोरेन 28 नवंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, हेमंत सोरेन के झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेतृत्व वाले गठबंधन ने चुनावों में जीत हासिल की, जिससे उनके मुख्यमंत्री के रूप में लौटने का मंच तैयार हो गया.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन से कड़ी चुनौती का सामना करने के बावजूद, झामुमो 81 सदस्यीय विधानसभा में 56 सीटें हासिल करने में सफल रही. सूत्रों के अनुसार, झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार ने सरकार बनाने का न्योता दिया है.
जानकारी के मुताबिक सोरेन शाम 4 बजे रांची स्थित राजभवन जाकर इस्तीफा सौपेंगे और झारखंड में फिर से सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे. सूत्रों की मानें तो मंत्री पद को लेकर फॉर्मूला भी तय कर लिया गया है. नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 28 नवंबर को रांची स्थित मोरहाबादी मैदान में हो सकता है. शपथ ग्रहण समारोह में इंडिया ब्लॉक के साथी शामिल हो सकते हैं.
23 नवंबर को झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आए. जिसमें एक बार फिर सत्ताधारी गठबंधन पर लोगों ने आस्था जताई. 81 में से 56 सीटें इंडिया ब्लॉक के खाते में गई जबकि एनडीए को 24 और अन्य के खाते में 1 सीट गई है.
जेएमएम ने सबसे ज्यादा 34 सीटों पर जीत दर्ज की है. वहीं कांग्रेस ने 16, राजद ने 4 और कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी - लेनिनिस्ट) (लिबरेशन)- सीपीआई (एमएल) (एल) ने 2 सीटों पर कब्जा जमाया. एनडीए गठबंधन को झारखंड चुनाव में नुकसान उठाना पड़ा है. एनडीए को कुल 24 सीटें मिली. जिसमें बीजेपी ने 21, आजसू, जेडीयू और लोजपा रामविलास ने एक-एक सीट पर जीत दर्ज की है.
आसान नहीं थी ये राह
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) के लिए 2024 की शुरुआत और अंत इससे ज्यादा अलग नहीं हो सकते थे. झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता को भूमि घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने साल की शुरुआत में हिरासत में ले लिया था और उन्होंने गिरफ्तार होने से पहले ही झारखंड के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. अब वर्ष में एक महीना शेष रहते सोरेन प्रचंड जीत के सूत्रधार के रूप में उभरे हैं, जिससे यह सुनिश्चित हो गया है कि राज्य में इंडिया गठबंधन सत्ता में बना रहेगा और उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में लगातार दूसरा कार्यकाल मिलेगा.
झामुमो नेता को बीच में कई अन्य झटके भी लगे. 31 जनवरी को सोरेन की गिरफ्तारी के बाद उनके दिवंगत भाई दुर्गा सोरेन की पत्नी और उनकी भाभी सीता सोरेन मार्च में भाजपा में शामिल हो गईं. वह सोरेन की अनुपस्थिति में उनकी पत्नी कल्पना को मुख्यमंत्री बनाने के कथित कदमों से नाराज थीं और मई में 'पार्टी विरोधी' गतिविधियों के लिए उन्हें झामुमो से निष्कासित कर दिया गया था.