हेमंत सोरेन फिर बन चुने गए महागठबंधन विधायक दल के नेता, CM चंपई सोरेन ने जताई नराजगी

झारखंड में झामुमो-कांग्रेस और राजद के गठबंधन ने हेमंत सोरेन को फिर अपना नेता चुन लिया है. इससे उनके फिर मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया है. मुख्यमंत्री चंपई सोरेन आज शाम तक अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप सकते हैं. इसके बाद महागठबंधन सरकार बनाने का दावा पेश करेगा.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
नई दिल्ली:

झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रमुख हेमंत सोरेन एक बार फिर महागठबंधन विधायक दल का नेता चुना गया है. इससे उनके मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया है. मुख्यमंत्री चंपनी सोरेन शाम तक इस्तीफा दे सकते हैं. इसके बाद महागठबंधन  सरकार बनाने का दावा राज्यपाल के सामने पेश करेगा. रांची में बुधवार को हुई महागठबंधन विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने इसको लेकर अपनी नाराजगी भी जताई.

एक जमीन पर कथित तौर पर कब्जे के आरोप में प्रवर्तन निदेशालय ने हेमंत सोरेन को 31 जनवरी को गिरफ्तार कर लिया था. गिरफ्तारी से पहले सोरेन ने झारखंड के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. झारखंड हाई कोर्ट ने उनको 28 जून को जमानत दे दी थी. जमानत देते हुए हाई कोर्ट ने कहा था कि प्रथमदृष्टया सोरेन इस मामले में दोषी नजर नहीं आते हैं.

हेमंत सोरेन को मिली जमानत

हेमंत सोरेन के जेल से बाहर आने के बाद से एक बार फिर उनको मुख्यमंत्री बनाए जाने की चर्चाएं तेज हो गई हैं.झारखंड मुक्ति मोर्चा के सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष का पद दिया जा सकता है. सूत्रों का कहना है कि बहुमत हेमंत सोरेन के पक्ष में है. 

Advertisement

जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद हेमंत सोरेन.

जेल से बाहर आकर हेमंत सोरेन ने कहा था,''आज मैं फिर अपने राज्य की जनता के बीच हूं. जो संकल्प हमने लिया है उसे हम मकाम तक ले जाने का काम करेंगे. आज मुझे लगता है कि ये पूरे देश के लिए एक संदेश है, किस तरह से हमारे खिलाफ षड्यंत्र रचा गया.कोर्ट का आदेश आपको देखने को मिलेगा. किन बातों को उजागर किया गया है, वो भी देखने को मिलेगा. जो भी न्यायालय का आदेश है, उसका आप अच्छे से आकलन करें."

Advertisement

क्या संदेश देना चाहती है झामुमो

जेल से बाहर आने के बाद से ही हेमंत सोरेन के फिर मुख्यमंत्री बनाए जाने की चर्चा तेज हो गई थी. झारखंड मुक्ति मोर्चा के कुछ नेताओं ने भी इसको लेकर बयान दिए थे. झारखंड में इसी साल के अंत में विधानसभा का चुनाव होना है. झामुमो सोरेन को मुख्यमंत्री बनाकर जनता में यह संदेश देने की कोशिश में है कि पार्टी किसी दबाव में आकर झुकने या डरने वाली नहीं है.

Advertisement

झामुमो ने लोकसभा चुनाव हेमंत सोरेन की गैरमौजूदगी में ही लड़ा था. उनकी गैर मौजदूगी में प्रचार की कमान हेमंत की पत्नी कल्पना सोरेन ने संभाली थी. इस चुनाव में पार्टी ने अपना प्रदर्शन भी सुधारा है. चार जून को आए चुनाव नतीजों में झामुमो ने प्रदेश की 14 में से तीन सीटों पर कब्जा जमाया. वहीं उसकी सहयोगी कांग्रेस प्रदेश में दो सीटें जीतने में कामयाब रही है. झामुमो ने प्रदेश में 14.60 फीसदी वोट हासिल किए हैं. वहीं कांग्रेस के हिस्से में 19.19 फीसदी वोट आए हैं. इससे पहले 2019 के चुनाव में केवल एक सीट ही जीत पाई थी. वहीं कांग्रेस को केवल एक ही सीट मिली थी.

Advertisement

लोकसभा चुनाव के नतीजों से पार्टी उत्साहित है. वह अपने कार्यकर्ताओं के मनोबल को विधानसभा चुनाव तक बनाए रखना चाहती है. उसे उम्मीद है कि अगर यही उत्साह बना रहा तो इंडिया गठबंधन झारखंड में अपनी सरकार को दोहरा सकता है.

ये भी पढ़ें: राज्‍यसभा से वॉकआउट कर रहे थे विपक्षी सांसद और पीछे से खूब सुनाते रहे PM मोदी

Featured Video Of The Day
Bitcoin Scam Case में Gaurav Mehta से फिर पूछताछ कर सकती है CBI | Top 10 National
Topics mentioned in this article