Ground Report : हीट स्ट्रोक से बचाने के लिए दिल्ली के अस्पताल कितने तैयार? इलाज क्या है

गर्मी का असर कितना भयंकर हो सकता है, इसका अंदाजा दिल्ली के अस्पतालों में पहुंचकर लगाया जा सकता है. मरीज तो मरीज तीमारदार भी परेशान हैं. हीट स्ट्रोक को लेकर अस्पतालों में विशेष इंतजाम किए गए हैं...

विज्ञापन
Read Time: 3 mins

यूं तो पूरे देश ने अबकी बार जैसी गर्मी झेली है, वैसी गर्मी पहले कभी देखने को नहीं मिली. इस प्रचंड गर्मी में AC और cooler भी फेल होते नजर आए. शुक्रवार को हल्की बारिश हुई मगर तापमान में कुछ खास कमी नहीं आई. बड़ी संख्या में हीट स्ट्रोक (Heat Stroke) के कारण मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं. हालांकि, जरा सी लापरवाही हुई नहीं की तीमारदार भी मरीज बन जाएगा. वहीं अन्य बीमारियों का इलाज करा रहे मरीज और उनके तीमारदार भी गर्मी के कारण न सो पा रहे हैं न ही खा पा रहे हैं.

RML अस्पताल में क्या दिखा?

एनडीटीवी की रिपोर्टर डॉक्टर राम मनोहर लोहिया अस्पताल (Dr. Ram Manohar Lohia Hospital) पहुंची तो बिहार के बक्सर की रहने वाली रीना देवी से मुलाकात हुई. उन्होंने बताया कि इलाज कराने के लिए दो महीने से यहां आईं हुईं हैं. बताया कि कोई जानने वाला दिल्ली में है नहीं तो यहीं अस्पताल के बाहर पड़ी रहती हैं. रीना बताने लगीं कि गर्मी के कारण दिन तो दिन रात में भी सोना मुश्किल हो गया है. अपने बच्चे को लेकर अस्पताल पहुंची रीना ने बताया कि भर्ती होने का डेट आज मिला है, अब देखो होगा की नहीं. ऑपरेशन होने के बाद ही घर जाएंगे.

AIIMS की क्या स्थिति?

देश के सबसे बड़े अस्पताल दिल्ली एम्स (AIIMS) में रिपोर्टर को अंदर तो नहीं जाने दिया गया, लेकिन इलाज कराने आए कुछ लोगों से बात हो गई. यूपी के देवरिया जिले से आईं मीनम ने बताया कि दस दिन से अस्पताल में हैं. अपनी बच्ची के कान की सर्जरी कराने आईं हैं. वह अस्पताल के बाहर ही सोती हैं. गर्मी के कारण उनको और बच्ची को घमौरिया हो गईं हैं. गर्मी के कारण रात में नींद नहीं आती है. ऐसी ही बातें अन्य मरीजों ने भी बताईं.

सफदरजंग का हाल

AIIMS दिल्ली से चलकर रिपोर्टर सफदरजंग अस्पताल ( Safdarjung Hospital) पहुंचीं तो पता चला कि जो लोग इलाज कराने आए हैं, अस्पताल में जगह नहीं मिलने की वजह से वो झुग्गी में रह रहे हैं. रतनपुर के बंडा तहसील से आईं गुलाबबाई बताने लगीं दिल्ली में उनका बेटा काम करता है. मच्छरों और गर्मी ने परेशान कर रखा है. पानी भी नहीं मिल रहा. 

हीट स्ट्रोक का क्या है इलाज

RML अस्पताल के हीट स्ट्रोक मैनेजमेंट वार्ड में एक डेडिकेटेड वार्ड बनाया गया है. हीट स्ट्रोक के मरीजों के लिए यहां कई तरह की सुविधाएं हैं.   इस डिपार्टमेंट के नोडल ऑफिसर डॉ. अजय चौहान ने बताया कि लगातार हीट स्ट्रोक के मरीज आ रहे हैं. आज ही 23-24 नये मरीज आए हैं. उन्होंने बताया कि हीट स्ट्रोकअत्यंत प्राणघाती है. हीट स्ट्रोक हम तब कहते हैं, जब किसी व्यक्ति का तापमान एक सौ पांच डिग्री से ज्यादा और उसके मानसिक संतुलन की स्थिति में खराबी दिखाई देने लगे. इधर-उधर की बातें करना से लेकर मिर्गी के दौरे तक हीट स्ट्रोक के लक्षण हैं. अगर इसमें हम जल्दी से मरीज को ठंडा करने का उपाय ना करें तो उसकी मृत्यु दर पचास से सत्तर फीसदी तक है. बर्फ से भरे ठंडे पानी में रखकर मरीजों का इलाज किया जाता है.

Advertisement
Featured Video Of The Day
UP Elections 2027: यूपी के ठाकुर नेताओं की बैठक में क्या है? | Khabron Ki Khabar