- मोहम्मद खुर्शीद अंसारी ने झारखंड प्रशासनिक सेवा परीक्षा में 78वीं रैंक हासिल कर जिले का नाम रोशन किया
- उनके पिता मोहम्मद हनीफ की तबीयत ठीक नहीं है, उनका इलाज अस्पताल में चल रहा है
- खुर्शीद ने आर्थिक तंगी के बावजूद हजारीबाग के सेंट कोलंबस कॉलेज से अपनी पढ़ाई पूरी की और मेहनत से सफलता पाई
गुदड़ी के लाल ने कर दिया कमाल. ये शब्द चतरा में चरितार्थ हुआ है. जब बेटा अपने पिता की अस्पताल में सेवा कर रहा था और उस वक्त उसे जानकारी मिली कि जेपीएससी क्वालीफाई हो गया है.चतरा जिले के सिमरिया प्रखंड के कसारी गांव के रहने वाले मोहम्मद खुर्शीद अंसारी ने झारखंड प्रशासनिक सेवा (JPSC) परीक्षा में 78वीं रैंक हासिल कर जिले का नाम रोशन कर दिया.
पिता की ठीक नहीं तबीयत
ये सफलता सिर्फ एक परीक्षा की नहीं, बल्कि संघर्ष, लगन और विश्वास की जीत है. उसके पिता मोहम्मद हनीफ पेशे से दर्जी (टेलर) हैं, लेकिन बीते तीन वर्षों से अस्वस्थ होने के कारण घर पर ही रह रहे हैं.मां हामिदा खातून गांव में सहिया दीदी के रूप में स्वास्थ्य सेवा से जुड़ी रही हैं.
घर में आर्थिक तंगी
बता दें कि पिता का इलाज हजारीबाग के शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में चल रहा है, जहां मोहम्मद खुर्शीद अटेंडेंट के तौर पर उनके साथ थे. 3 साल से पिता घर पर ही हैं, ऐसे में घर की आर्थिक स्थिति में बहुत ही दयनीय हो गई थी. मां की भी बेहद कम आमदनी है. किसी तरह घर का दाना पानी चल रहा था.
'कभी हालातों का बहाना नहीं बनाया'
आठ भाई-बहनों में सबसे छोटे मोहम्मद खुर्शीद ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के स्कूल से पूरी की. हजारीबाग के सेंट कोलंबस कॉलेज से 12वीं और स्नातक की पढ़ाई की. आर्थिक तंगी के बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी.हजारीबाग में एक छोटे से किराए के लॉज में रहकर उन्होंने कड़ी मेहनत की और अपनी मंजिल पा ली. मोहम्मद खुर्शीद,ने कहा कि, "मैंने सिर्फ एक सपना देखा और उसे साकार करने के लिए कभी हालात का बहाना नहीं बनाया".