'हाथरस केस में मुख्यमंत्री को नहीं था UP पुलिस पर भरोसा'- NDTV से बोले योगी आदित्यनाथ के मंत्री

यूपी के श्रम राज्य मंत्री सुनील भराला ने NDTV से कहा, 'मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फैसला किया था कि यह केस सीबीआई को दे देना चाहिए. उनको यह भी भरोसा नहीं था कि यूपी पुलिस अपना काम अच्छे से करेगी. ऐसा नहीं है कि सारे पुलिसवाले अच्छे होते हैं. सारे पुलिस अफसर दूध के धुले नहीं हैं.'

विज्ञापन
Read Time: 15 mins
हाथरस केस में पहले से सीबीआई जांच चाहते थे सीएम योगी, UP मंत्री ने कहा. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश के एक वरिष्ठ बीजेपी नेता (BJP Leader) ने इस बात के संकेत दिए हैं कि हाथरस केस (Hathras Case) में उत्तर प्रदेश की पुलिस अपना काम करने में असफल रही थी. हाथरस जिले में 20 साल की एक महिला के कथित वीभत्स गैंगरेप और मर्डर केस की जांच देख रहे सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन ने पिछले हफ्ते केस की चार्जशीट फाइल की है, जिसके बाद यूपी के मंत्री का यह बयान आया है. 

सीबीआई की चार्जशीट के मुताबिक, 20 साल की दलित महिला के साथ ऊंची जाति से आने वाले चार आरोपियों ने 14 सितंबर को गैंगरेप किया था. बाद में पीड़िता की दिल्ली के एक अस्पताल में मौत हो गई थी. यूपी पुलिस ने पीड़िता का शव उसके गांव ले जाकर रात के अंधेरे में ही उसका दाह-संस्कार कर दिया था, जिस घटना पर पूरे देश में आक्रोश फैल गया था.

यूपी के श्रम राज्य मंत्री सुनील भराला ने NDTV से कहा, 'यूपी सरकार हमेशा से परिवार के साथ खड़ी रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फैसला किया था कि यह केस सीबीआई को दे देना चाहिए. उनको यह भी भरोसा नहीं था कि यूपी पुलिस अपना काम अच्छे से करेगी. ऐसा नहीं है कि सारे पुलिसवाले अच्छे होते हैं. सारे पुलिस अफसर दूध के धुले नहीं हैं. पहले दिन से योगी जी पीड़ित परिवार के साथ खड़े हैं.'

इस मामले में सीबीआई ने चार आरोपियों के खिलाफ पीड़िता के गैंगरेप और प्रताड़ना देने के आरोप में चार्जशीट फाइल की है. सीबीआई ने इनपर SC/ST (Prevention of Atrocities) Act की धारा भी लगाई है. जांच एजेंसी ने हाथरस के एक कोर्ट में पिछले हफ्ते अपनी चार्जशीट फाइल की है.

यह भी पढ़ें: हाथरस गैंगरेप में FSL रिपोर्ट पर सवाल उठाने वाले डॉक्टर बर्खास्त, साथी की भी नौकरी गई

उत्तर प्रदेश पुलिस ने इस केस को जैसे हैंडल किया- खासकर बिना परिवार की अनुमति के आधी रात में दाह-संस्कार- करने की घटना ने पूरे देश में विरोध का माहौल बना दिया था. हालांकि, पुलिस अधिकारियों को कहना था कि शवदाह 'परिवार की मर्जी से हुआ था.'

Advertisement

अक्टूबर में सुप्रीम कोर्ट ने था कि सीबीआई की जांच को इलाहाबाद हाईकोर्ट मॉनिटर करेगा. पिछले हफ्ते सीबीआई ने मामले की जांच खत्म करने के लिए और वक्त मांगा, जिसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अगली सुनवाई की तारीख 27 जनवरी रखी है.

इस मामले में मुख्य आरोपी ने जेल से यूपी पुलिस को एक चिट्ठी लिखकर कहा था कि उसे और तीन अन्य आरोपियों को फंसाया जा रहा है और उन्हें 'न्याय' दिलाने की मांग की थी. उसने पीड़िता की मां और भाई पर पीड़िता को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था. पीड़िता के परिवार ने इन आरोपों से इनकार किया है.

Advertisement

Video: सिटी सेंटर : हाथरस पीड़िता के पिता को समाज से मदद न मिलने की टीस

Topics mentioned in this article