हरियाणा सरकार (Haryana Govt) ने अपने बड़े चुनावी वादे को पूरा करते शनिवार को राज्य में निजी नौकरियों में आरक्षण (Haryana Local Employment Act) के नियम पर मुहर लगा दी है. कानून के तहत राज्य में निजी क्षेत्र में स्थानीय लोगों के लिए नौकरी में 75 प्रतिशत तक आरक्षण अनिवार्य होगा. हालांकि, कोटा केवल उन नौकरियों के लिए लागू होगा जो ₹ 30,000 तक का सकल मासिक वेतन प्रदान करते हैं. मसौदा विधेयक ने इस आरक्षण के लिए वेतन सीमा 50,000 रुपये निर्धारित की थी, जिसकी उद्योग निकायों ने कड़ी आलोचना की थी.
राज्य सरकार के पोर्टल पर कर्मचारियों के डेटा को अपलोड करने के लिए कंपनियों की समय सीमा 15 जनवरी, 2022 है. राज्य सरकार ने इसे लेकर आज शनिवार 6 नवंबर को अधिसूचना जारी कर दी है.
जेजेपी के प्रवक्ता दीपकमल सहारन ने ट्विटर पर कहा, "स्थानीय रोजगार अधिनियम आज, 6 नवंबर से लागू हो गया है. 15 जनवरी 2022 कर्मचारियों के डेटा को सरकारी पोर्टल पर अपलोड करने का आखिरी दिन है."
यह रोजगार विधेयक पिछले साल नवंबर में राज्य विधानसभा द्वारा पारित किया गया था. राज्यपाल एसएन आर्य ने 26 फरवरी को विधेयक को मंजूरी दी थी. स्थानीय लोगों के लिए निजी क्षेत्र में आरक्षण हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी (JJP) का मुख्य चुनावी वादा था. JJP ने भाजपा के साथ गठबंधन में सरकार बनाई थी.
कानून में एक खंड यह भी शामिल है कि यदि उपयुक्त स्थानीय उम्मीदवार नहीं मिलते हैं तो कंपनियां बाहर के राज्य से उम्मीदवार की भर्ती कर सकती हैं. अगर कंपनी ऐसा कदम उठाती है तो इसकी सूचना सरकार को देना अनिवार्य होगा.
इस कानून के तहत एक अधिकारी भी नियुक्त किया जाएगा जो, उपयुक्त उम्मीदवारों की कमी की स्थिति में छूट खंड को लागू करने वाली कंपनियों की निगरानी करेगा.
यह अधिकारी संबंधित कंपनी को "वांछित कौशल, योग्यता या दक्षता हासिल करने के लिए स्थानीय उम्मीदवारों को प्रशिक्षित करने" का निर्देश देकर छूट के दावे को खारिज कर सकता है.
पिछले साल जुलाई में चौटाला ने अध्यादेश पर एनडीटीवी से बात की थी और कहा था कि यह केवल 10 से अधिक कर्मचारियों वाली कंपनियों पर लागू होगा. उन्होंने कहा था. "इससे निवासियों को राज्य में रोजगार पाने में मदद मिलेगी. इस तरह का कानून अन्य राज्यों में मौजूद है और हमें हरियाणा में रोजगार पैदा करने की जरूरत है."
जेजेपी प्रमुख ने ऑटोमोबाइल प्रमुख मारुति की ओर इशारा करते हुए कहा था, "मारुति में हरियाणा से 20 प्रतिशत कर्मचारी भी नहीं हैं".