हरियाणा: फरीदाबाद में सुबह 6 बजे महसूस किए गए भूकंप के झटके, 3.2 रही तीव्रता

फरीदाबाद में भूकंप के झटके महसूस किये गए हैं. रिक्‍टर स्‍केल पर इनकी तीव्रता 3.2 मापी गई है. शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार, भूकंप के झटकों से कोई जान-माल का नुकसान नहीं हुआ और यह झटका केवल ऊंचे भवनों की ऊपरी मंज़िलों पर महसूस हुआ.

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फरीदाबाद में भूकंप के झटके
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  • हरियाणा के फरीदाबाद में रिक्टर स्केल पर तीव्रता 3.2 वाला भूकंप सुबह छह बजे पांच किलोमीटर की गहराई पर आया.
  • भूकंप के झटकों से किसी प्रकार का जान-माल का नुकसान नहीं हुआ और यह केवल ऊंची इमारतों में महसूस किया गया.
  • हाल के हफ्तों में दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में भूकंप की गतिविधियों में वृद्धि देखी गई है, जिसमें झज्जर भी शामिल है.
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फरीदाबाद:

हरियाणा के फरीदाबाद में भूकंप के झटके महसूस किये गए हैं. रिक्‍टर स्‍केल पर इनकी तीव्रता 3.2 मापी गई है. शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार, भूकंप के झटकों से  कोई जान-माल का नुकसान नहीं हुआ और यह झटका केवल ऊंचे भवनों की ऊपरी मंज़िलों पर महसूस हुआ. पिछले दिनों दिल्‍ली में भी भूकंप के हल्‍के झटके महसूस किये गए थे. इन भूकंप के झटकों का केंद्र हरियाणा का झज्‍जर था.

यह भूकंप भारतीय समयानुसार सुबह 6 बजे, 5 किलोमीटर की गहराई पर आया. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बताया कि 22 जुलाई 2025 को सुबह 6:00 बजे 3.2 तीव्रता का भूकंप आया। इसका केंद्र फरीदाबाद में था और यह 5 किलोमीटर की गहराई पर था.

दिल्ली-एनसीआर में हाल के हफ्तों में भूकंप की गतिविधियों में बढ़ोतरी देखने को मिली है. हालांकि, इस भूकंप से जान-माल के नुकसान की कोई तत्काल खबर नहीं है.  

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पिछले हफ्ते, हरियाणा के झज्जर में 2.5 तीव्रता का भूकंप आया, जिसकी गहराई 5 किलोमीटर थी। इसका केंद्र 28.64 डिग्री उत्तर अक्षांश और 76.75 डिग्री पूर्व देशांतर पर था. इससे पहले, 10 और 11 जुलाई को झज्जर में ही 4.4 और 3.7 तीव्रता के दो बड़े भूकंप आए थे. इन भूकंपों का असर दिल्ली, गुरुग्राम, रोहतक, नोएडा और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के अन्य हिस्सों में महसूस किया गया.

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हालांकि, इन भूकंपीय घटनाओं से कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ, लेकिन इनसे लोगों में डर बढ़ गया है. भूकंप वैज्ञानिकों के अनुसार, हमारी धरती की सतह मुख्य रूप से सात बड़ी और कई छोटी टेक्टोनिक प्लेट्स से बनी है. ये प्लेट्स लगातार हरकत करती रहती हैं और अक्सर आपस में टकराती हैं. इस टक्कर के परिणामस्वरूप प्लेट्स के कोने मुड़ सकते हैं और अत्यधिक दबाव के कारण वे टूट भी सकते हैं. ऐसे में नीचे से निकली ऊर्जा बाहर की ओर फैलने का रास्ता खोजती है और यही ऊर्जा जब जमीन के अंदर से बाहर आती है तो भूकंप आता है.

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