हरियाणा विधानसभा के चुनाव में एक बड़ा कदम उठाते हुए बीजेपी ने दो मुसलमान उम्मीदवार उतारे थे. बीजेपी ने पुन्हाना से एजाज खान और फिरोजपुर झिरका से नसीम अहमद को उम्मीदवार बनाया था. मतगणना में बीजेपी के ये दोनों मुस्लिम उम्मीदवार कांग्रेस के उम्मीदवारों से काफी पीछे रहे हैं. पुन्हाना में बीजेपी के एजाज खान कांग्रेस के मोहम्द इलियास से करीब 80 हजार वोट के अंतर से पीछे चल लरे हैं.यहां पर 15 में से 14 चरण की वोटों की गिनती का काम पूरा हो चुका है.वहीं फिरोजपुर झिरका में बीजेपी के नसीम अहमद कांग्रेस के मामन खान से करीब 80 हजार वोट के अंतर से पीछे चल रहे हैं. यहां पर 19 में से 15 चरण की वोटों की गिनती का काम पूरा हो चुका है.
कहां कौन कितने वोट से है आगे
पुन्हाना में निर्दलीय उम्मीदवार रईस खान 53 हजार 225 वोट के साथ दूसरे नंबर पर हैं. वहीं बीजेपी के मोहम्मद एजाज खान पांच हजार 49 वोट पाकर तीसरे नंबर पर बने हुए हैं. वहीं कांग्रेस के मोहम्मद इलियास अबतक 84 हजार 739 वोट हासिल कर चुके हैं. इलियास की जीत एक तरह से निश्चित मानी जा रही है. वहीं फिरोजपुर झिरका में कांग्रेस के मामना खान एक लाख तीन हजार 877 वोट के साथ पहले नंबर पर हैं. बीजेपी के नसीम अहमद 25 हजार 633 वोट के साथ दूसरे नंबर पर चल रहे हैं. मामन खान के पास अबतक 87 हजार से अधिक वोटों की बढ़त हासिल है. ऐसे में उनकी जीत तय मानी जा रही है.वहां केवल तीन चरण की मतगणना ही बाकी है.
मेवात में बीजेपी की कोशिश
हरियाणा का मेवात इलाका मुस्लिम बाहुल्य है.बीजेपी यहां कमल खिलाने की फिराक में है.इसलिए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने पुन्हाना से एजाज खान को अपना उम्मीदवार बनाया था.एजाज का संबंध मेवात के काटपुरी खानदान से है.एजाज ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत कांग्रेस से की थी.लेकिन 2019 के चुनाव में टिकट न मिलने से नाराज होकर वो कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे.उनके पिता चौधरी सरदार खान हरियाणा सरकार में मंत्री रहे थे.
बीजेपी ने नसीम अहमद को 2019 के चुनाव में भी टिकट दिया था.लेकिन कांग्रेस के मामन खान ने उन्हें हरा दिया था.नसीम अहमद 2009 और 2014 के विधनसभा चुनाव में इस सीट से विधायक रह चुके हैं.नसीम अपना दोनों चुनाव इंडियन नेशनल लोकदल के टिकट पर जीते थे.नसीम अहमद नूंह जिले के बड़े राजनीतिक घराने चौधरी मरहूम शकरुल्लाह खान के परिवार से ताल्लुक रखते हैं.फिरोजपुर झिरका सीट एक ऐसी सीट है, जहां बीजेपी अबतक अपना खाता नहीं खोल सकी है.
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