हरियाणा विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने भले ही जीत की हैट्रिक लगा दी हो लेकिन आदमपुर की हाई प्रोफाइल सीट (Bhavya Bishnoi Lose Adampur Seat) उसके हाथ से खिसक गई है. खास बात यह है कि पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल के पोते भव्य बिश्नोई को अपनी इस पारंपरिक सीट को महज 1268 वोटों से हार गए. जब कि 56 साल से इस सीट पर भजनलाल परिवार का ही कब्जा रहा है. भव्य को शिकस्त किसी राजनीतिक रसूख रखने वाले शख्स ने नहीं बल्कि एक रिटायर्ड आईएएस ने दी है. रिटायर्ड आईएएस चंद्र प्रकाश ने भजनलाल का ये अभेद्य किला भेद दिया है, जो कांग्रेस के लिए हार के बावजूद किसी जीत से कम नहीं है. भजनलाल परिवार के कब्जे वाली आदमपुर सीट अब कांग्रेस के खाते में चली गई है. कौन हैं भव्य को हराने वाले कांग्रेस उम्मीदवार चंद्र प्रकाश, जानिए.
कौन हैं आदमपुर जीतने वाले रिटायर्ड IAS चंद्र प्रकाश?
- चंद्र प्रकाश जागड़ा हरियाणा के रिटायर्ड आईएएस अफसर हैं.
- उन्होंने साल 2022 में राजनीति में एंट्री कर कांग्रेस का दामन थामा.
- वह पूर्व राज्यसभा सांसद रामजीलाल के भतीजे हैं
- 19 अक्टूबर 2022 को हरियाणा स्टेट इन्फॉर्मेशन कमिश्नर के पद से हुए रिटायर.
- हरियाणा सिविल सर्विस में दी सेवाएं.
- साल 2011 में IAS के तौर पर हुए प्रमोट.
- रेवाड़ी झज्जर समेत हरियाणा के कई जिलों में रहे डीसी.
- साल 2017 में राज्य सूचना आयुक्त के पद पर हई नियुक्ति.
- चंद्रप्रकाश का परिवार भजनलाल परिवार का बेहद नजदीकी.
- चंद्र प्रकाश के चाचा रामजीलाल दो बार रहे राज्यसभा सांसद.
- रामजीलाल की भजनलाल से रही बेहद करीबी दोस्ती.
- कांग्रेस ने उनको आदमपुर सीट से चुनावी मैदान में उतारा.
- चंद्र प्रकाश ने आदमपुर में जीत दर्ज कर भजनलाल के पोते को हराया.
- चंद्र प्रकाश ने 65371 वोट हासिल कर जीत दर्ज की है.
रिटायर्ड IAS चंद्र प्रकाश का राजनीति से पुराना नाता
भजनलाल के गढ़ में सेंध लगातर उनके ही पोते को हराने वाले कांग्रेस उम्मीदवार चंद्र प्रकाश भेले ही पूर्व नौकरशाह रहे हों, लेकिन उनके परिवार का राजनीति से पुराना नाता है. उनके चाचा रामजीलाल दो बार के राज्यसभा सांसद रह चुके हैं. अब चंद्र प्रकाश ने भी खुद को साबित कर दिखाया है. उन्होंने कुलदीप बिश्नोई के बेटे और आदमपुर के मौजूदा विधायक भव्य बिश्नोई को इस सीट से हरा दिया है.
- चंद्र प्रकाश को मिले 65371 वोट
- भव्य बिश्नोई को 64103 वोट मिले
56 साल से आदमपुर सीट पर भजनलाल परिवार का कब्जा
आदमपुर सीट पर भजनलाल परिवार का दबदबा 1968 से ही रहा है. आदमपुर में 1968 में भजनलाल यहां से जीत हासिल कर विधायक बने थे. आदमपुर, भजनलाल के परिवार का गढ़ रहा है. वह हरियाणा के कद्दावर गैर-जाट नेता थे. उनका सभी समुदायों में अच्छा-खासा प्रभाव था. भजनलाल परिवार के अलावा कोई भी इस सीट से जीत का स्वाद नहीं चख सका. पूर्व सीएम भजनलाल ने 9 बार इस सीट का प्रतिनिधित्व किया, जबकि उनके बेटे कुलदीप आदमपुर से चार बार के विधायक रहे. आदमपुर सीट पर सिर्फ पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल ही नहीं बल्कि, उनकी पत्नी, बेटे, बहू और पोता भी जीतकर विधायक बनें.
2022 के उपचुनाव में आदमपुर से विधायक बने भव्य बिश्नोई
बात अगर भव्य की करें तो उन्होंने साल 2022 के उपचुनाव में आदमपुर सीट पर जीत हासिल की थी. भव्य ने दो साल पहले ही कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थामा था. लेकिन लंबे समय तक भव्य इस सीट पर अपनी जीत को बरकरार रखने में कामयाब नहीं हो सके. 56 साल से भजनाल परिवार का गढ़ रही इस सीट को अब एक रिटायर्ड आईएएस ने जीत लिया है.
पोते भव्य से पहले दादा भजनलाल भी पूर्व IAS से हारे
हालांकि ऐसा पहली बार नहीं है जब भजनलाल परिवार को किसी आईएएस के हाथों हार का सामना करना पड़ा है.ऐसा लग रहा है कि आदमपुर के चुनाव परिणाम ने एक बार फिर से इतिहास को दोहराया है. पोते भव्य की तरह ही साल 1996 के लोकसभा चुनाव में खुद भजनलाल करनाल सीट पूर्व IAS अफसर ईश्वर दयाल शर्मा से हार गए थे. अब पोते ने पूर्व IAS के हाथों आदमपुर सीट गंवा दी है.
हिसार जिले की 7 सीटों पर हार-जीत
- उकलानाः कांग्रेस के नरेश सेलवाल जीते
- बरवालाः बीजेपी के रणवीर गंगवा जीते
- हांसीः बीजेपी के विनोद भयाना जीते
- हिसारः निर्दलीय सावित्री जिंदल जीतीं
- नारनौंदः कांग्रेस के जस्सी पेटवाड़ जीते
- नलवाः बीजेपी के रणधीर पनिहार जीते
हिसार के सभी 7 विधायक जनता ने बदल डाले
हरियाणा के हिसार में जनता ने गजब कर दिया. जिले की सभी 7 सीटों पर विधायक बदल डाले. हवा ऐसी थी कि पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल की चौधर भी नहीं बच पाई. भजनलाल के गढ़ में पहली बार उनके परिवार से कोई विधायक नहीं है. रिटायर्ड आईएएस अधिकारी चंद्र प्रकाश ने यहां से उनके पोते भव्य चौधरी को शिकस्त दी. जिले की 7 सीटों में 3 बीजेपी, 3 कांग्रेस और 1 निर्दलीय प्रत्याशी ने जीत ली. हिसार सावित्री जिंदल का हो गया. तो वहीं हांसी-बरवाला, नलवा बीजेपी के पास चली गई. उकलाना में कांग्रेस जीत गई. और आदमपुर सीट भी भजनलाल परिवार के पास से फिसलकर कांग्रेस के खाते में चली गई है.