उत्तर प्रदेश के वाराणसी की जिला अदालत में आज ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque) शृंगार गौरी केस की मेरिट पर सुनवाई हुई. जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने श्रृंगार गौरी मंदिर में हर रोज़ पूजा करने की याचिका को जायज़ ठहराया है. कोर्ट ने कहा कि मस्जिद पक्ष की तरफ़ से दायर याचिका में मेरिट नहीं है. कोर्ट के इस आदेश के बाद अब इस मामले पर सुनवाई की जा सकती है. केस में अगली सुनवाई अब 22 सितंबर को होगी.
20 मई को सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी ज़िला जज को याचिका की मेरिट पर फ़ैसला लेने का आदेश दिया था. वाराणसी ज़िला जज डॉ ऐ के विश्वेश ने 24 अगस्त को सुनवाई पूरी की थी. मस्जिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मांगी की थी कि ये याचिका सुने जाने योग्य नहीं है. मस्जिद पक्ष ने दलील दी थी कि श्रृंगार गौरी में पूजा करने की याचिका 1991 के पूजा स्थल क़ानून के ख़िलाफ़ है लेकिन अब ज्ञानवापी परिसर स्थित मां श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन की मांग को लेकर दायर याचिका को वाराणसी कोर्ट ने सुनवाई के योग्य माना है. इस बीच, वाराणसी में धारा 144 लगा दिया गया है.
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फैसला आने से पहले ज्ञानवापी केस में मुस्लिम पक्ष के वकील मोहम्मद तौहीद ने कहा था कि हमने कोर्ट में तमाम साक्ष्य रखे हैं कि यहां 1947 से पहले से मस्ज़िद थी. ये याचिका 1991 के पूजा स्थल क़ानून के तहत नहीं सुनी जा सकती. उन्होंने कहा कि हमने 1883 के क़ागज़ात भी कोर्ट में पेश किया है. बतौर तौहीद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 1986 में दीन मोहम्मद के केस में आदेश दिया था कि यहां मस्ज़िद है. उन्होंने कहा था कि अगर हमारे पक्ष में फ़ैसला नहीं आया तो हम उच्च न्यायालय जाएंगे. तौहीद ने कहा कि हमें लगता है ये फ़ैसला भी सुप्रीम कोर्ट से ही होगा.
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ज्ञानवापी परिसर स्थित मां श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन की मांग को लेकर दायर याचिका को वाराणसी की कोर्ट ने सुनवाई के योग्य माना है. केस में अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी.
कोर्ट के इस आदेश के बाद अब इस मामले पर सुनवाई की जा सकती है. 20 मई को सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी ज़िला जज को याचिका की मेरिट पर फ़ैसला लेने का आदेश दिया था. वाराणसी ज़िला जज डॉ ऐ के विश्वेश ने 24 अगस्त को सुनवाई पूरी की थी. मस्जिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मांगी की थी ये याचिका सुने जाने योग्य नहीं है. मस्जिद पक्ष ने दलील दी थी कि श्रृंगार गौरी में पूजा करने की याचिका 1991 के पूजा स्थल क़ानून के ख़िलाफ़ है.
उत्तर प्रदेश के वाराणसी की जिला अदालत में आज ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque) शृंगार गौरी केस की मेरिट पर सुनवाई हो रही है. जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने श्रृंगार गौरी मंदिर में हर रोज़ पूजा करने की याचिका को जायज़ ठहराया है. कोर्ट ने कहा है कि मस्जिद पक्ष की तरफ़ से दायर याचिका में मेरिट नहीं है. कोर्ट के फैसले से पहले शहर में सुरक्षा पुख्ता की गई है और पूरे वाराणसी में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है.
ज्ञानवापी मस्जिद और श्रृंगार गौरी मंदिर मामले में आज आने वाले फैसले को लेकर भले ही वाराणसी पुलिस प्रशासन बहुत चाक चौबंद हो और शहर के साथ-साथ विश्वनाथ मंदिर के इर्द-गिर्द सुरक्षा का तगड़ा इंतजाम किया हो लेकिन विश्वनाथ मंदिर के आसपास के दुकानदार और बनारस के लोगों पर इस फैसले को लेकर किसी तरीके का डर या दहशत का माहौल नहीं है बल्कि सभी यही कह रहे हैं कि बनारस का रस कभी नहीं बिगड़ता, इसका सांप्रदायिक सौहार्द बना रहता है. फैसला जो भी आएगा उसे हिंदू और मुसलमान दोनों स्वीकार करेंगे.
ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque) शृंगार गौरी केस की मेरिट पर आज जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में फैसला आने की उम्मीद है. फैसले में तय हो जाएगा कि अदालत (Court) में दायर वाद सुनने योग्य है या नहीं. पिछली सुनवाई पर दोनों पक्ष की बहस पूरी होने के बाद अदालत ने सुनवाई के लिए 12 सितंबर ने तिथि तय की थी.
मुस्लिम पक्ष ने इस मामले को उपासना स्थल अधिनियम के खिलाफ बताते हुए कहा था कि यह मामला सुनवाई के योग्य नहीं है. वहीं, हिंदू पक्ष का दावा है कि मुस्लिम पक्ष बहुत पुराने दस्तावेज पेश कर रहा है जो इस मामले से संबंधित नहीं है. इस मामले में दोनों पक्षों की दलीलें पूरी हो चुकी हैं.
ज्ञानवापी परिसर स्थित मां श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन की मांग को लेकर वाराणसी के जिला जज ए. के. विश्वेश की अदालत में चल रहा मुकदमा सुनवाई योग्य है या नहीं, इस पर हिन्दू और मुस्लिम पक्ष की बहस पूरी हो चुकी है. अदालत ने इस मामले में आदेश को सुरक्षित रख लिया था. अदालत सोमवार 12 सितंबर को इस पर अपना फैसला सुनाएगी.
वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर स्थित मां श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन की मांग को लेकर दायर याचिका सुनवाई योग्य है या नहीं इस पर वाराणसी की अदालत आज अपना फैसला सुनाएगी. इसके मद्देनजर नगर में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है.