राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विकास के बहुप्रचारित 'गुजरात मॉडल' पर कटाक्ष करते हुए बुधवार को इसे सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मार्केटिंग करार दिया. साथ ही, उन्होंने पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा नहीं देने को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि वह अपने कथन से पीछे हट रही है.
गहलोत ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं का जिक्र किया. उन्होंने कहा,‘‘..मोदी जी का मॉडल क्या था.. चुनाव जीतना अलग बात है, अगर आप गुजरात जाएंगे तो मालूम पड़ेगा कि वह मॉडल कुछ मॉडल था ही नहीं.. वह तो मोदी जी की मार्केटिंग थी. हमने चार साल में जो फैसले किए वे ऐसे हैं जो हिंदुस्तान में किसी राज्य में नहीं हैं.''
अपनी सरकार की चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना, इंदिरा रसोई योजना, शहरी रोजगार गारंटी योजना और उड़ान योजना का जिक्र करते हुए गहलोत ने कहा, ‘‘मुझे गर्व है कि हमारी सरकार ने सबके सहयोग से ऐसे फैसले किए, जिनकी चर्चा पूरे देश में हो रही है. देश ही नहीं, दुनिया भर में ऐसी कोई योजना नहीं है. हम प्रधानमंत्री से मांग करते हैं कि हमारे जो पांच कार्यक्रम हैं, ऐसी उनको आप पूरे देश में लागू करवाएं.''
राज्य के 13 जिलों में पेयजल एवं सिंचाई जल के लिए महत्वपूर्ण ईआरसीपी को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने इसे राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने का वादा किया था. गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार अब अपनी बात से मुकर रही है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस प्रस्तावित परियोजना में अपना हिस्सा देने को तैयार है. मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा इस परियोजना से लाभान्वित होने जिलों से भी गुजर रही है और उसके प्रभाव को कम करने की कोशिश में राज्य से सांसद एवं केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत नए बयान देकर जनता को गुमराह कर रहे हैं.
गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार इस परियोजना का काम जारी रखेगी. साथ ही उन्होंने कहा, ‘‘ईआरसीपी का मुद्दा इतना बड़ा है कि पूरे 13 जिलों में चुनाव में भाजपा के लोग साफ हो जायेंगे.''
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भी विकास के ‘गुजरात मॉडल' पर कटाक्ष किया. उन्होंने कहा, ‘‘बार-बार जब गुजरात मॉडल की बात होती है.. हमारे प्रधानमंत्री ने ‘पीएम' की परिभाषा ही बदल दी है. ‘पीएम' मतलब प्रधानमंत्री नहीं बल्कि इसका मतलब ‘पैकेजिंग एंड मार्केटिंग' हो गया है क्योंकि वह पैकेजिंग और मार्केटिंग करते हैं. उसमें उनका कोई मुकाबला नहीं, वह बहुत माहिर हैं.''
उन्होंने कहा, ‘‘असल बात तो यह है कि अलग-अलग राज्यों में जो काम किए गए हैं वे गुजरात से भी अधिक प्रभावशाली हैं और जनता के लिए फायदेमंद साबित रहे हैं.''
जयराम रमेश ने कहा,‘‘प्रधानमंत्री कहते हैं कि वे गैर भाजपा दलों के साथ भेदभाव नहीं करते, लेकिन ईआरसीपी इसकी मिसाल है कि वह जो कहते हैं उसे नहीं करते.'' उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने खुद इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने का वादा किया था.
गौरतलब है कि भारत जोड़ो यात्रा बुधवार सुबह सवाई माधोपुर के भाड़ौती से आगे शुरू हुई. भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन इसमें राहुल गांधी के साथ चले. पार्टी प्रवक्ता के अनुसार दोनों के बीच देश की अर्थव्यवस्था एवं मौजूदा आर्थिक स्थिति को लेकर लंबी और गहरी बातचीत हुई थी. दोनों लगभग दस किलोमीटर साथ चले.
दोपहर में राहुल गांधी ने श्रम एवं रोजगार के मुद्दों पर श्रमिकों और कई यूनियन के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की. शाम के चरण के बाद यात्रा बगड़ी (दौसा) पहुंची. वहां राहुल ने नुक्कड़ सभा को संबोधित किया.