गुजरात हाईकोर्ट ने साबरमती में गंदा पानी बहाने के विषय पर गौर करने के लिए कार्यबल गठित किया

अदालत ने कहा कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय निदेशक इस कार्यबल की अगुवाई करेंगे.

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प्रतीकात्मक तस्वीर.
अहमदाबाद:

साबरमती नदी में औद्योगिक अपशिष्ट प्रवाह के साथ नाले के पानी को बहाने संबंधी रिपोर्ट में पेश की गयी ‘भयावह तस्वीर' पर आश्चर्य प्रकट करते हुए गुजरात उच्च न्यायालय ने इस विषय पर गौर करने के लिए एक संयुक्त कार्यबल गठित किया है. बृहस्पतिवार को उपलब्ध कराये गये आदेश से यह जानकारी सामने आयी. अदालत ने कहा कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय निदेशक इस कार्यबल की अगुवाई करेंगे. न्यायमूर्ति जे बी पर्दीवाला और न्यायमूर्ति वैभवी नानावती की पीठ ने मंगलवार को जारी आदेश में कहा, ‘‘ (जहां प्रदूषित पानी साबरमती में बहाया जा रहा है, उन कुछ स्थानों के दौरे के बाद तैयार) पूरी रिपोर्ट पर सरसरी अवलोकन काफी भयावह तस्वीर पेश करती है और तत्काल सही दिशा में कदम उठाने का आह्वान करती है.''

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पीठ ने कहा, ‘‘ हमें यह भी बताया गया कि विभिन्न जगहों से पानी के नमूने लिये गये और उनके परीक्षण परिणाम बहुत चौंकाने वाले हैं.'' न्यायालय ने बिना शोधन किये प्रदूषित पानी को साबरमती में बहाने पर मीडिया में आयी रिपोर्ट का जनहित याचिका के रूप में संज्ञान लिया एवं यह टिप्पणी की.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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