गुजरात: पुल हादसे के 5 महीने बाद गुजरात सरकार ने मोरबी नगरपालिका को किया भंग

मोरबी शहर में मच्छु नदी पर स्थित झूला पुल का रखरखाव और संचालन ओरेवा ग्रुप नगरपालिका के साथ हस्ताक्षरित एक समझौते के तहत कर रहा था.

विज्ञापन
Read Time: 5 mins
पिछले साल 30 अक्टूबर को हुए इस हादसे में 135 लोगों की मौत हो गई थी.
मोरबी:

गुजरात के मोरबी शहर में एक झूला पुल के टूटने के कुछ महीने बाद राज्य सरकार ने मंगलवार को शहर की नगरपालिका को भंग कर दिया. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. पिछले साल 30 अक्टूबर को हुए इस हादसे में 135 लोगों की मौत हो गई थी. नगरपालिका पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का नियंत्रण था, जो राज्य में सत्तारूढ़ दल है. मोरबी के जिलाधिकारी जी टी पांडया ने कहा, ‘‘राज्य सरकार ने मोरबी नगरपालिका को भंग कर दिया है.''

मोरबी शहर में मच्छु नदी पर स्थित झूला पुल का रखरखाव और संचालन ओरेवा ग्रुप नगरपालिका के साथ हस्ताक्षरित एक समझौते के तहत कर रहा था. जनवरी में, राज्य के शहरी विकास विभाग ने नगरपालिका को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा था कि अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में नाकाम रहने के चलते उसे क्यों ना भंग कर दिया जाए. उल्लेखनीय है कि मोरबी नगरपालिका के सभी निर्वाचित 52 पार्षद भाजपा के थे.


जांच में सामने आ चुका है कि जब हादसा हुआ, उस दिन ओरेवा ग्रुप ने 3,165 टिकट बेचे थे, केबल में जंग लगी थी. एंकर की ठीक से मरम्मत नहीं हुई. जिन्होंने मरम्मत की, वे नट-बोल्ट ढीले छोड़ गए. मोरबी पुल का मैनेजमेंट संभाल रहे लोगों को ट्रेनिंग नहीं दी गई थी कि पुल पर कितने लोगों को जाने देना है.


इस हादसे में ओरेवा समूह के प्रबंध निदेशक (एमडी) जयसुख पटेल के खिलाफ गुजरात की एक अदालत में सप्लीमेंटरी चार्जशीट दाखिल किया गया है. पटेल के वकील हरेश मेहता ने बताया कि पुलिस ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एम. जे. खान की अदालत में सप्लीमेंटरी चार्जशीट दायर किया.

ये भी पढ़ें:-

गुजरात पुल हादसा: ओरेवा समूह के एमडी जयसुख पटेल के खिलाफ पूरक आरोपपत्र दाखिल

Featured Video Of The Day
BREAKING: PM Modi को Kuwait के सर्वोच्च सम्मान 'द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' से किया गया सम्मानित