गुजरात में डॉक्टरों का प्रतिनिधित्व करने वाले अहम संगठनों ने एलोपेथी और उसके डॉक्टरों के खिलाफ कथित रूप से अपमाननजक बयानों करने को लेकर योग गुरु रामदेव के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग करते हुए सोमवार को अहमदाबाद पुलिस से संपर्क किया. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की गुजरात यूनिट और अहमदाबाद मेडिकल एसोसिएशन के सीनियर डॉक्टरों और पदाधिकारियों ने नवरंगपुरा पुलिस को अलग-अलग आवेदन दिए और रामदेव के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. बताते चलें कि एलोपैथी और टीकों के खिलाफ टिप्पणियां कर रामदेव विवादों में घिर गए हैं.
दोनों ही संगठनों ने पुलिस से रामदेव के विरुद्ध महामारी रोग अधिनियम (Epidemic Diseases Act) और आपदा प्रबंधन अधिनियम (Disaster Management Act) की संबंधित धाराओं के तहत FIR दर्ज करने की अपील की है. पुलिस ने कहा कि उसे डॉक्टरों से ज्ञापन मिले हैं. पुलिस उपायुक्त (जोन-1) रवींद्र पटेल ने कहा कि उन्होंने जो मुद्दा उठाया है, वह हमारे क्षेत्राधिकार के बाहर है. उन्होंने कहा कि कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है.
बताते चलें कि रामदेव ने कहा था कि कोविड-19 के इलाज में एलोपैथी दवाओं के सेवन से लाखों लोगों की जान जा चुकी है. रामदेव की इन टिप्पणियों का कड़ा विरोध हुआ, जिसके बाद केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने उनसे "बेहद दुर्भाग्यपूर्ण" बयान वापस लेने को कहा. रामदेव ने मजबूर होकर अपना बयान वापस ले लिया. अगले दिन उन्होंने भारतीय चिकित्सा संघ (IMA) को खुला पत्र लिखकर 25 सवाल पूछे. उन्होंने पूछा कि क्या एलोपैथी से बीमारियों से स्थायी रूप से छुटकारा मिल जाता है.