- क्रिकेटर रवीेंद्र जडेजा की पत्नी रिवाबा को शुक्रवार को गुजरात के राज्यपाल ने मंत्री पद की शपथ दिलाई
- रिवाबा जडेजा ने 2022 में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़कर 40 हजार वोटों से जीत हासिल की थी
- 8 साल की निध्याना ने अपने पिता रवींद्र जडेजा की गोद में बैठकर अपनी मां रिवाबा को शपथ ग्रहण करते देखा
आईपीएल 2023 के फाइनल मैच में जब रवींद्र जडेजा ने आखिरी बॉल पर चौका जड़कर चेन्नई सुपरकिंग को 5वीं बार चैंपियन बनाया था, तो मैदान पर एक अनोखा नजारा देखने को मिला था. जीत की बधाई देने आईं उनकी पत्नी रिवाबा जडेजा ने बीच मैदान पर, सिर पर पल्लू रखकर पहले जड्डू जडेजा के पैर छुए, फिर भीगी आंखों से उन्हें गले लगकर बधाई दी. वो दिन है और आज का दिन... अब रवींद्र जडेजा की वही संस्कारी बहू गुजरात की मंत्री बन चुकी हैं.
3 साल में विधायक से मंत्री बनीं रिवाबा जडेजा
2022 में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़कर विधायक बनीं रिवाबा महज 3 साल के अंदर ही मंत्री पद तक पहुंच गई हैं. शुक्रवार को भूपेंद्र पटेल कैबिनेट के फेरबदल में राज्यपाल ने 24 अन्य मंत्रियों के साथ रिवाबा जडेजा को मंत्री पद की शपथ दिलाई. 34 साल की रिवाबा का मंत्री बनना कई लोगों के लिए बड़े सरप्राइज से कम नहीं था.
पिता की गोद में बैठ निध्याना ने देखा नजारा
इस अहम पल का गवाह बनने के लिए दर्शक दीर्घा में अन्य लोगों के साथ एक खास नन्हा मेहमान भी मौजूद था. रिवाबा की बेटी निध्याना जडेजा. 8 साल की निध्याना अपने पिता रवींद्र जडेजा के साथ दर्शक दीर्घा में मौजूद थीं और पिता की गोद में बैठकर अपनी मां को शपथ ग्रहण करते, उत्सुकता से, मासूमियम से देखती रहीं और इस अहम पल को अपनी यादों में सहेजती रहीं.
पिता रवींद्र जडेजा की गोद में बैठकर निध्याना ने मां रिवाबा को मंत्री पद की शपथ लेते हुए देखा.
इंजीनियर से कैसे बनीं मिनिस्टर
रिवाबा जडेजा के बारे में बताएं तो उनका पूरा नाम रिवाबा सोलंकी जडेजा है. 1990 में राजकोट में जन्मी रिवाबा मैकेनिकल इंजीनियर हैं. उन्होंने पहले इंजीनियरिंग में करियर बनाने की सोची थी, लेकिन किस्मत और परिवार का सपोर्ट उन्हें राजनीति में खींच लाया. उनके अंकल हरी सिंह सोलंकी राजकोट में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे हैं.
करणी सेना के साथ किया था हल्ला बोल
2016 में रवींद्र जडेजा से शादी करने से पहले रिवाबा करणी सेना से जुड़ी थीं. 2018 में वह पद्मावत फिल्म को लेकर संजय लीला भंसाली के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करके चर्चा में आईं. उसी साल उन्हें करणी सेना की महिला विंग का अध्यक्ष बनाया गया था.
PM मोदी से मुलाकात और BJP में एंट्री
रिवाबा और रवींद्र जडेजा ने 2018 के आखिर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी. इसके कुछ महीने बाद मार्च 2019 में रिवाबा ने औपचारिक रूप से बीजेपी जॉइन कर ली. वह मातृशक्ति चैरिटेबल ट्रस्ट के जरिए राजकोट में महिलाओं के उत्थान में सक्रिय रहीं.
पहले ही चुनाव में 40 हजार वोटों से जीत
2022 के गुजरात विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने जामनगर उत्तर से रिवाबा को मैदान में उतारा. पहली ही बार में रिवाबा ने 40 हजार वोटों से जीत हासिल की. उसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और महज 3 साल के अंदर ही अब गुजरात की मंत्री पद तक पहुंच गई हैं.