दिवाली की छुट्टियां मनाने मोरबी पहुंचा परिवार, हाल ही में गिरे मोरबी पुल (Morbi Bridge Collapse) की दुर्घटना में बाल-बाल बचा .अहमदाबाद के निवासी विजय गोस्वामी और उनके परिवार के सदस्य इस पुल पर रविवार दोपहर पहुंचे थे लेकिन आधे रास्ते से ही डर कर लौट आए क्योंकि भीड़ में शामिल कुछ लोगों ने इसे हिलाना शुरू कर दिया था. चार घंटे बाद उनका डर सच साबित हुआ जब पर्यटकों के बीच मशहूर माच्छू नदी पर बना यह पुल शाम साढ़े छ बजे गिर पड़ा और इसमें 100 से अधिक लोग मारे गए.
गोस्वामी ने कहा कि जब वो और उनका परिवार पुल पर थे तब कुछ युवा इसे हिला रहे थे और उसके कारण इस पर चलना मुश्किल हो रहा था. उन्हें लगा कि यह खतरनाक हो सकता है, फिर वो अपने परिवार के साथ आगे बढ़े बिना आधे रास्ते से वापस लौट गए. उन्होंने कहा कि उन्होंने पुल के स्टाफ को भी इस बारे में सूचित किया था लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया.
एक निजी संचालक ने लगभग छह महीने तक पुल की मरम्मत का काम किया था. पुल को 26 अक्टूबर को गुजराती नववर्ष दिवस पर जनता के लिए फिर से खोला गया था.
गुजरात के मोरबी शहर में रविवार की शाम माच्छू नदी पर बने केबल पुल के टूटने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 141 हो गई है. यह पुल करीब एक सदी पुराना था और मरम्मत एवं नवीनीकरण कार्य के बाद इसे आमजन के लिए पांच दिन पहले ही खोला गया था. गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने मोरबी में संवाददाताओं से कहा कि राज्य सरकार ने इस हादसे की जांच के लिए एक समिति का गठन किया है.
प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि अंग्रेज़ों के समय का यह ‘‘हैंगिंग ब्रिज'' जिस समय टूटा, उस समय उस पर कई महिलाएं और बच्चे मौजूद थे. एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि कुछ लोगों को पुल पर कूदते और उसके बड़े तारों को खींचते हुए देखा गया. उन्होंने कहा कि हो सकता है कि पुल उस पर ‘‘लोगों की भारी भीड़'' के कारण टूट कर गिर गया हो.