चंबल के कुख्यात डकैत गुड्डा गुर्जर को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. डकैत गुड्डा गुर्जर का आतंक ग्वालियर चंबल इलाके के अलावा राजस्थान में भी फैला हुआ था. गुड्डा गुर्जर पर दो दर्जन से अधिक अपराध, लूट, डकैती, हत्या, टैरर टैक्स के ग्वालियर चंबल संभाग के थानों के अलावा राजस्थान में भी दर्ज हैं. डकैत गुड्डा गुर्जर ने अपने साथियों के साथ मुरैना जिले के नूराबाद थाना इलाके में एक युवक की गोली मारकर हत्या करने के मामले में कोर्ट ने उसे दंडित किया है. मामले में शामिल अन्य आरोपी पहले ही पकड़े जा चुके थे, जिन्हें सजा भी हो चुकी है.
उम्रकैद की सजा
फरियादी के वकील इंदर सिंह गुर्जर ने बताया, 'डकैत गुड्डा गुर्जर और उसके साथियों के खिलाफ नूराबाद में एक हत्या का प्रकरण दर्ज हुआ था. डकैत और उसके साथियों ने अपने साथी भारत गुर्जर को पुलिस को पकड़वाने का शक नूराबाद इलाके के जितेंद्र गुर्जर नाम के युवक पर था. इसके बाद डकैत गुड्डा गुर्जर ने अपने साथियों के साथ आकर जितेंद्र को गोली मारी थी, जिसकी इलाज के दौरान ग्वालियर अस्पताल में मौत हो गई थी. इस केस में डकैत गुड्डा गुर्जर फरार हो गया था. वहीं, उसके अन्य साथी गिरफ्तार हो गए थे, जिन्हें पहले ही न्यायालय से सजा हो चुकी है. गुड्डा गुर्जर इस मामले में रह गया था, जिसे मुरैना के न्यायालय ने उम्रकैद की सजा और ₹500 का जुर्माना भरने की सजा सुनाई है.'
गुड्डा गुर्जर के डकैत बनने की कहानी
मुरैना से ग्वालियर की ओर जाते वक्त हाईवे किनारे जड़ेरुआ गांव पड़ता है. इसी गांव के रास्ते आगे जाने पर लोहागढ़ गांव है. यही गांव डकैत गुड्डा गुर्जर का है. चार भाई और तीन बहनों में गुड्डा डकैत आपराधिक प्रवृत्ति का निकला. 4 अक्टूबर 2017 में बानमोर के पहाड़ी गांव के जखौदा निवासी जितेंद्र सिंह गुर्जर अपने भाई बंटी गुर्जर के साथ घिरकाई में गाय-भैंस चराने गया था. इसी दौरान डकैत गुड्डा और उसके साथी केशव गुर्जर, विजय सिंह, भारत सिंह (तीनों भाई निवासी जड़ेरुआ गांव) और बल्ली गुर्जर (निवासी पहाड़ी गांव) ने जितेंद्र और बंटी को घेर लिया. दोनों पर गोलियां चलाना शुरू कर दिया, जिसमें बंटी तो मौके से फरार हो गया, लेकिन उसके भाई जितेंद्र को गोली लगी. परिवार के लोग इलाज के लिए उसे अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया.
ऐसे पुलिस की गिरफ्त में आया गुड्डा
पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू की थी. इस पूरे मामले में पुलिस ने अन्य आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर न्यायालय भेजा था. लेकिन डकैत गुड्डा गुर्जर लंबे समय से फरार था. उसे शॉर्ट एनकाउंटर में ग्वालियर पुलिस ने पकड़ा, उसके बाद आज न्यायालय ने उसे आजीवन कारावास और ₹500 का जमाने की सजा सुनाई है.