IMF के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर ने भारत की GDP (India's GDP) की रफ्तार इस साल 7.3% रहने का अनुमान जताया है. उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के इकोनामिक फंडामेंटल्स मजबूत हैं. मौजूदा साल में भारत के आर्थिक विकास की रफ्तार काफी अच्छी रही है. इनका आकलन करने के बाद IMF ने अपने वर्ल्ड इकोनामिक आउटलुक रिपोर्ट में भारत को दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्था में सबसे तेजी से आर्थिक विकास करने वाले अर्थव्यवस्था के तौर पर प्रोजेक्ट किया है. उन्होंने कहा कि किसानों को PM-KISAN योजना के तहत जो 6000 रुपए सहायता राशि मिलती है, उसे बढ़ाना जरूरी है.
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"किसानों को मिलने वाली राशि बढ़ाई जाए"
IMF के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर ने कहा कि बेहतर होगा कि किसानों को साल में मिलने वाली 6000 रुपए की मौजूदा राशि को बढ़ाकर 8000 रुपए से 8500 हजार या 9000 तक करना सही होगा, क्योंकि पिछले चार-पांच साल में महंगाई की औसत दर 5% से 6% रही है. अनुमान के मुताबिक इस साल भारत की GDP की रफ्तार 7.3% रह सकती है.
"2030 तक भारत बन सकता है 7 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था"
उन्होंने कहा कि अगर भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार अगले 3 साल 7% बनी रहती है, तो 2026-27 तक भारत 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकता है. हमारा प्रोजेक्शन है कि 2030 तक भारत 7 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकता है. अगले 2-3 साल में GST का कलेक्शन हर महीने ऑन एव्रेज बढ़कर 2 लाख करोड़ तक पहुंचने की संभावना है. उन्होंने अनुमान जताया कि Vote on Account में किसानों के लिए कोई नया प्रस्ताव हो, मिडिल क्लास के लिए भी नई घोषणा हो सकती है. ऐसा भी हो सकता है कि पर्सनल इनकम टैक्स में कुछ रिलीफ मिले.
"टैक्स व्यवस्था को सरल बनाना जरूरी"
टैक्स पर IMF के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर ने कहा कि सैलरीड क्लास को राहत मिलती है तो अच्छी बात है, हालांकि वह अब मुख्य आर्थिक सलाहकार नहीं हैं, लेकिन उनको लगता है कि टैक्स व्यवस्था को सरल बनाना जरूरी है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना और इंफ्रास्ट्रक्चर पर नया निवेश करने से फायदा होगा. प्रधानमंत्री आवास योजना पर अगर ज्यादा खर्च करने का ऐलान अंतरिम बजट में किया जाता है, तो इससे गांव में नए असेट्स बनेंगे, अर्थव्यवस्था पर इसका बहुत अच्छा असर होगा.