तमिलनाडु के कुन्नूर में बुधवार 8 दिसंबर को हुए चॉपर क्रैश के एकमात्र सर्वाइवर ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की हालत गंभीर लेकिन स्थिर बनी हुई है. IAF Mi-17V5 हादसे में CDS बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका समेत 13 लोगों की दुखद मौत हो गई थी. भारतीय वायु सेना के सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की हालत गंभीर लेकिन स्थिर बनी हुई है. ग्रुप कैप्टन का इलाज बेंगलुरु के वायु सेना कमांड अस्पताल में चल रहा है. जहां उन्हें कल तमिलनाडु के वेलिंगटन के सैन्य अस्पताल से एयरलिफ्ट किया गया था.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई आज अस्पताल में वायु सेना अधिकारी का हाल जानने गए. उन्होंने कहा, "उन्हें विशेषज्ञ डॉक्टरों से सबसे अच्छा चिकित्सा उपचार मिल रहा है. मैं उनके शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं."
मुख्यमंत्री ने इस दुखद दुर्घटना में मारे गए जनरल रावत और अन्य कर्मियों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की. साथ ही उन्होंने राज्य के पुलिस प्रमुख को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की मौत पर आपत्तिजनक बयान देने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दिया है.
इस बीच, भारतीय वायु सेना (IAF) ने बुधवार को दुर्घटना के कारणों की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का गठन किया है.
लोगों से दुर्घटना के बारे में अटकलों में शामिल नहीं होने का आग्रह करते हुए, भारतीय वायुसेना ने एक आधिकारिक बयान में कहा, "जांच तेजी से पूरी की जाएगी और तथ्य सामने आएंगे. तब तक, मृतक की गरिमा का सम्मान करने के लिए बेबुनियाद अटकलों से बचें. "
कैप्टन वरुण सिंह एयरफोर्स के बेहतरीन पायलटों में से एक हैं. कैप्टन को 2020 में मिड एयर इमरजेंसी में अपनी सूझबूझ से निपटने के लिए शौर्य चक्र से सम्मानित किया जा चुका है. उन्हें इसी साल अगस्त में शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है.
बुधवार को ग्रुप कैप्टन सिंह जनरल रावत की अगवानी करने और उन्हें वेलिंगटन के डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज ले जाने के लिए सुलूर गए थे. जनरल रावत को संस्थान में फैकल्टी और छात्रों को संबोधित करना था, जहां ग्रुप कैप्टन सिंह डायरेक्टिंग स्टाफ हैं.