किसानों के साथ 11 दौर की बातचीत में कृषि कानूनों में संशोधन के लिए रखे कई प्रस्‍ताव: कृषि मंत्री तोमर

कृषि मंत्री ने यह भी दोहराया कि नए कृषि कानूनों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीद प्रक्रिया पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

विज्ञापन
Read Time: 16 mins
कृषि मंत्री ने दोहराया, नए कृषि कानूनों से MSP पर खरीद प्रक्रिया पर असर नहीं पड़ेगा
नई दिल्ली:

New farm laws: केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने कहा है कि सरकार ने पिछले कई वर्षों से कृषि सुधारों के संबंध में सभी पक्षकारों के साथ वार्ता की है तथा नए कृषि कानूनों (New farm laws) से जुड़े मुद्दे के समाधान के लिये सरकार एवं आंदोलनकारी किसान संगठनों के बीच 11 दौर की वार्ता (11 round talk) में कानूनों में संशोधन को लेकर सरकार ने एक के बाद एक कई प्रस्ताव रखे हैं. कृषि मंत्री ने यह भी दोहराया कि नए कृषि कानूनों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीद प्रक्रिया पर कोई असर नहीं पड़ेगा. लोकसभा में ए राजा, असदुद्दीन ओवैसी, के. सुरेश, नुसरत जहां रूही, बदरूद्दीन अजमल, उत्तम कुमार रेड्डी, कनिमोई करुणानिधि और माला राय सहित कई सदस्यों के प्रश्नों के लिखित उत्तर में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने यह जवाब दिया.

वेंकैया नायडू बोले, 'लोग कहते हैं कृषि कानूनों पर चर्चा नहीं हुई, वे राज्यसभा में कामकाज का रिकॉर्ड देख लें'

कृषि मंत्री से पूछा गया था कि ‘‘क्या सरकार संसद द्वारा तीन विवादास्पद कृषि विधेयकों को पारित करने और कानून बनने से पहले किसानों और अन्य हितधारकों के साथ परामर्श करने में असफल रही.'' उनसे यह भी पूछा गया था कि ‘‘क्या सरकार को नये कृषि कानूनों के विरोध में हजारों किसानों के पिछले दो महीने से प्रदर्शन करने की जानकारी है और उनके साथ वार्ता के बाद सरकार क्या उनकी जायज मांगों पर विचार करने के बारे में सोच रही है.''तोमर ने कहा, ‘‘मुद्दे के समाधान के लिये सरकार एवं आंदोलनकारी किसान संगठनों के बीच 11 दौर की वार्ता हुई है और सरकार ने कृषि कानूनों में संशोधन के बारे में एक के बाद एक कई प्रस्ताव रखे हैं.उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कृषि सुधार कानूनों के कार्यान्वयन पर रोक लगा दी है.एक अन्य प्रश्न के उत्तर में कृषि मंत्री ने कहा, ‘‘पिछले कई वर्षों से कृषि सुधारों के संबंध में सभी पक्षकारों के साथ वार्ता की गई.''

Advertisement

क्‍या राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन के तहत डेटा प्राइवेसी का उल्‍लंघन हुआ, सरकार ने दिया जवाब..

उन्होंने कहा कि भारत सरकार कृषि विपणन क्षेत्र में सुधारों के लिये लगभग 2 दशकों से राज्यों के साथ सक्रिय रूप से गहनता से कार्य कर रही है. इसका उद्देश्य किसी भी समय और किसी भी जगह बेहतर मूल्य पर अपनी उपज की बिक्री करने के लिये पहुंच वाली मंडियों एवं बाधा मुक्त व्यापार की सुविधा प्रदान करना है.तोमर ने स्पष्ट किया कि कृषि (सशक्तीकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार अधिनियम 2020 किसानों एवं प्रायोजकों के बीच किसानों की उपज के कृषि समझौते के लिये है, न कि किसानों की भूमि की संविदा (कॉन्ट्रैक्ट) के बारे में.उन्होंने कहा कि इस अधिनियम के अध्याय 3 के खंड 15 में यह बताया गया है कि किसानों की कृषि भूमि के विरूद्ध किसी भी राशि की वसूली के लिये कोई भी कार्रवाई नहीं की जाएगी.

Advertisement

किसान संगठनों का 6 फरवरी को देशभर में चक्का जाम

Featured Video Of The Day
Jharkhand: Hemant Soren कांग्रेस पार्टी को महागठबंधन की कमजोर कड़ी क्यों नहीं मानते? | EXCLUSIVE
Topics mentioned in this article