RBI से मिले फंड के इस्तेमाल पर अभी कोई निर्णय नहीं, विपक्ष ने कहा- देश को कंगाली की तरफ धकेल रही मोदी सरकार

कांग्रेस ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार पर तीखा हमला बोला और आरोप लगाया कि देश में आर्थिक इमरजेंसी जैसे हालात बने हुए हैं.

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आरबीआई के इस क़दम पर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गया है.
नई दिल्ली:

अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए सरकार को करीब पौने दो लाख करोड़ रुपये देने के रिजर्व बैंक के फ़ैसले पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने मंगलवार को पहली प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने  कहा इस पर अभी निर्णय नहीं लिया गया है. निर्मला सीतारमण ने कहा, "आरबीआई फंड्स का उपयोग कैसे होगा इस विषय पर अभी कुछ बोल नहीं सकती हूं. हम निर्णय लेंगे उसके बाद आपको जानकारी मिलेगी." वहीं वित्त मंत्री ने बिमल जलान समिति पर उठ रहे सवालों को भी बेबुनियाद करार दिया. उन्होंने पत्रकारों से कहा, "बिमल जलान समिति में जाने-माने विशेषज्ञ थे. समिति आरबीआई ने ही नियुक्ति की थी. उसकी सिफारिशों पर सवाल उठाना बेबुनियाद होगा."

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उधर आरबीआई के इस क़दम पर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गया है. कांग्रेस ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार पर तीखा हमला बोला और आरोप लगाया कि देश में आर्थिक इमरजेंसी जैसे हालात बने हुए हैं. मोदी सरकार देश को कंगाली की ओर धकेल रही है. कांग्रेस ने दावा किया कि ये अर्थव्यवस्था में गहरे संकट का प्रतीक है. RBI ने ये फ़ैसला  दबाव में लिया है. कांग्रेस ने कहा कैश रिज़र्व देने का फैसला गलत है. पार्टी के नेता आनंद शर्मा ने कहा, सरकार घाटे में है, बजट गलत बना दिया. गरीबों को जो देना था वो दिया नहीं गया है. हालत बहुत बुरी है, इसलिए आरबीआई का पैसा सरकार छीन रही है और देश को इकानामिक इमरजेंसी की तरफ धकेला जा रहा है." 

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आरजेडी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और सांसद मनोज झा ने कहा, "आप इन फैसलों से अर्थव्यवस्था को कमजोर बना रहे हैं. इस तरह अर्थव्यवस्था नहीं चलती. सार्वजनिक व्यय बढ़ने से आर्थिक विकास होगा ये 1940 और 1950 की सोच है. इस दौर में शायद ही कोई संस्था है , जिसकी स्वायत्ता संकट में न पड़ी हो.''

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उधर रिज़र्व बैंक के पूर्व निदेशक विपिन मलिक ने NDTV से कहा कि सरकार को इस फ़ंड का इस्तेमाल अपने घाटे की भरपाई के लिए नहीं बल्कि पूंजी निवेश के लिए करना चाहिए. उन्होंने कहा, मैं सरकार को सावधान करूंगा कि वो आरबीआई से मिले फंड का इस्तेमाल राजस्व घाटे की भरपाई के लिए न करे. आईबीआई से मिले फंड का इस्तेमाल सिर्फ पूंजीगत निवेश के लिए होना चाहिए.''

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