भारत के नए डिजिटल नियमों पर सख्त रुख का असर गूगल और यूट्यूब पर देखने को मिला है. कानूनी अनुपालन सुनिश्चित करने के अपने निरंतर प्रयासों के बारे में भारत सरकार को आश्वस्त करने के लिए गूगल ने आज स्थानीय कानूनों के अनुसार सामग्री के प्रबंधन के अपने "लंबे इतिहास" का हवाला दिया. गूगल का यह बयान भारत सरकार के नए डिजिटल नियमों पर पूछे गए सवाल पर था. जिसे लागू करने की समय सीमा आज समाप्त हो चुकी है.
गूगल के एक प्रवक्ता ने कहा, ''हम भारत की विधान प्रक्रिया का सम्मान करते हैं. किसी भी कंटेट को हटाना हो, जहां कंटेट स्थानीय कानून या हमारी प्रोडक्ट पॉलिसी का उल्लंघन करती है. ऐसे में सरकार के अनुरोधों का जवाब देने के क्रम में हमारा एक लंबा इतिहास रहा है. इस दिशा में हमने लगातार प्रोडक्ट में बदलावों, संसाधनों और कर्मियों में निवेश किया है. यह सुनिश्चित करने के लिए कि हम अवैध कंटेंट का प्रभावी और निष्पक्ष तरीके से निस्तारण कर रहे हैं और उन अधिकार क्षेत्र में स्थानीय कानूनों का पालन करने के लिए जहां हम काम करते हैं."
गूगल के प्रवक्ता ने कहा, "हमें एहसास है कि हमारे प्लेटफॉर्म को सुरक्षित रखने में हमारा काम कभी पूरा नहीं हो सका है और हम अपने मौजूदा दृष्टिकोणों में लगातार सुधार जारी रखेंगे और अपनी नीतियों को विकसित करेंगे साथ ही निर्णय लेने के तरीके के बारे में पारदर्शी रहने की पूरी कोशिश करेंगे." बता दें कि गूगल के इस बयान में यूट्यूब समेत इसके सभी प्लेटफॉर्म शामिल हैं.
सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि केवल एक कंपनी ने अब तक अनुपालन अधिकारियों को नियुक्त किया था, जबकि कुछ ने अनुपालन के लिए छह महीने का समय मांगा था, यह कहते हुए कि वे अपने अमेरिकी मुख्यालय से निर्देशों का इंतजार कर रहे थे. इस क्रम में फेसबुक ने कहा कि उसका लक्ष्य नए नियमों का पालन करना है, लेकिन उसने संकेत दिया कि वह कुछ ऐसे मुद्दों पर चर्चा करना चाहता है, जिनमें और जुड़ाव की जरूरत है.
भारत का नया डिजिटल नियम
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने संयुक्त रूप से डिजिटल प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगाने के लिए 25 फरवरी को सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड) नियम 2021 पेश किए. विशेष प्रावधानों का पालन करने के लिए नियमों में महत्वपूर्ण सोशल मीडिया इंटरमीडियरीज के लिए तीन महीने की समयसीमा तय की गई थी. इन इंटरमीडियरीज में फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर, वॉट्सऐप और यूट्यूब शामिल हैं. यह समयसीमा आज यानी मंगलवार को बंद हो रही है.
इन विशेष प्रावधानों को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के अंतर्गत रखा गया है. इसके अनुसार, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को चीफ कंप्लायंस ऑफिसर, नोडल कॉन्टेक्ट परसन और रेसिडेंस ग्रीवांस ऑफिसर नियुक्त करने होंगे. ये तीनों मिलकर शिकायतों का निवारण करेंगे. इनमें से CCO को IT Act, 2000 और इंटरमीडिएट्री नियमों के तहत काम करना होगा. नोडल ऑफिसर को कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ मिलकर काम करना होगा और ग्रीवांस ऑफिसर को 24 घंटे के भीरत शिकायत को नोट करना होगा और 15 दिनों के भीरत उनका जवाब देना होगा. इन तीनों ऑफिसर्स का भारतीय मूल का होना अनिवार्य है.